नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स( कैट ) के राष्ट्रीय महामंत्री और भाजपा सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन द्वारा जीएसटी में किए गए महत्वपूर्ण घोषणाएं केंद्रीय सरकार और जीएसटी काउंसिल का व्यापार करने में आसानी प्रदान करने की दिशा में बड़ा सकारात्मक कदम है। श्री खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन के नेतृत्व की सराहना की और आशा व्यक्त की कि जीएसटी कराधान को और अधिक सरल और तर्कसंगत बनाया जाएगा।
व्यापारियों को भारी वित्तीय बोझ से मुक्ति मिलेगी
श्री खंडेलवाल ने कहा कि इन राहतों से व्यापारियों को भारी वित्तीय बोझ से मुक्ति मिलेगी और यह सरकार की व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक कदम उठाने की सोच को भी दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि ब्याज और पेनल्टी में छूट, इनपुट टैक्स क्रेडिट की समय सीमा का विस्तार और मुकदमेबाजी और पूर्व-डिपॉजिट आवश्यकताओं में कमी से करदाताओं को बहुत जरूरी राहत मिलेगी। ये उपाय अनुपालन को बढ़ावा देंगे और व्यापारिक समुदाय, विशेष रूप से एमएसएमई को समर्थन देंगे। आवश्यक सेवाओं की लागत को कम करने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त छूट और सिफारिशें आर्थिक वृद्धि और करदाता समर्थन के प्रति एक संतुलित और विचारशील दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।
छात्रों और कामकाजी पेशेवरों को राहत मिलेगी
जीएसटी काउंसिल ने छात्रों और कामकाजी पेशेवरों के लिए जीवन यापन की लागत को कम करने के लिए आवास सेवाओं से संबंधित कुछ छूटों की सिफारिश की है, जिससे छात्रों और कामकाजी पेशेवरों को राहत मिलेगी।
एमएसएमई और व्यापारी उच्च मांगों के मामलों में अपील के लिए नहीं जाने की बताई यह वजह
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भारती ने कहा कि कैट ने लगातार पहले तीन वर्षों के दौरान जीएसटी कार्यान्वयन के तहत उठाए गए उच्च मांगों के लिए कुछ प्रकार की माफी या समझौते का आग्रह किया था। खंडेलवाल ने कहा कि देश भर के एमएसएमई और व्यापारी उच्च मांगों के मामलों में अपील के लिए नहीं जा सके क्योंकि अपील दायर करने से पहले पूर्व-डिपॉजिट की अनिवार्य आवश्यकता थी।
जीएसटी काउंसिल ने अब जीएसटी के तहत अपील दायर करने के लिए आवश्यक पूर्व-डिपॉजिट की मात्रा को कम करने की सिफारिश की है। यह करदाताओं को महत्वपूर्ण वित्तीय राहत प्रदान करेगा और किसी भी अनिश्चितता को समाप्त करेगा। जीएसटी काउंसिल ने 1 जुलाई 2017 से अधिकृत संचालन के लिए एसईजेड इकाई/डेवलपर द्वारा आयात पर लगाए गए मुआवजा उपकर को छूट देने की सिफारिश की है। इससे एसईजेड उत्पाद लागत-प्रतिस्पर्धी बनेंगे।