सूरत

एमएसएमई में सुधार की गुहार: एसजीटीटीए का डेलीगेशन केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल से मिला

गारमेंट इंडस्ट्री में विभिन्न स्टेज पर सब्सिडी का प्रावधान भी बेहद जरूरी

सूरत। साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (एसजीटीटीए) का एक डेलीगेशन संस्था के अध्यक्ष सुनील कुमार जैन के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार, सीआर पाटिल साहेब से रविवार को मिल कर एमएसएमई के सरलीकरण और इंकम टैक्स के 45 दिन पेमेंट वाले मुद्दे (धारा-43 बीएच) के लिए प्रतिवेदन सौंपा कि टेक्सटाइल सेक्टर में पेमेंट के दिन 75 से 90 तक फिक्स किए जाएं, नहीं तो पिछले साल की तरह ही इस साल भी जनवरी, फरवरी, मार्च में सूरत का व्यापार ठप्प होने का अनुमान है और सभी को अघोषित कर्फ्यू का सामना करना पड़ेगा lगत वर्ष के कड़वे अनुभव को देखते हुए एमएसएमई में अनिवार्य रूप से सभी छोटे-बड़े व्यापारी को शामिल किया जाए l

ज्ञापन में एमएसएमई में स्लैब सिस्टम के बजाए सभी व्यापारियों के लिए एक समान कानून बनाने की मांग की गई है l सभी एमएसएमई में रजिस्टर्ड व्यापारी अपने- अपने प्रतिष्ठान, एवं मुद्रण सामग्री रजिस्ट्रेशन का उल्लेख अनिवार्य रूप से करें ऐसी मांग भी की गयी l
साथ ही जीएसटी कानून की तरह एक निश्चित रकम के टर्न ओवर वाले व्यापारियों को इस कायदे से छुट देने की भी मांग की गई है l

डेलीगेशन ने सूरत को गारमेंट हब बनाने के लिए, लेबर कानून का सरलीकरण , वेतन में आंशिक सहयोग, श्रमिकों के लिए आवास, उनके बच्चों की शिक्षा, मेडिकल सुविधा आदि में सहयोग की मांग की गई । गारमेंट एक्सपोर्ट में पेमेंट की सरकार की गारंटी के साथ-साथ, गारमेंट इंडस्ट्री में विभिन्न स्टेज पर सब्सिडी का प्रावधान भी बेहद जरूरी है l
पाटिल साहेब ने डेलीगेशन की बातों को गंभीरता पूर्वक सुना और दिल्ली में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के संज्ञान में यह मुद्दे लाकर सक्षम कार्रवाई करवाने का आश्वासन दिया।

डेलीगेशन में एसजीटीटीए के अध्यक्ष के अलावा महामंत्री सचिन अग्रवाल, संतोष माखरिया, मोहन कुमार अरोरा, नितिन गर्ग, महेश जैन, प्रदीप खंडेलवाल, प्रहलाद गर्ग और सुरेन्द्र जैन शामिल रहे।

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