सूरत : करोड़ों की लागत से बने तापी रिवर फ्रंट का प्रबंधन में प्रशासन बौना साबित
विपक्षी पार्षदों की मुलाकात में उजागर हुई तापी रिवर फ्रंट की कड़वी हकीकत
सूरत। सूरत महानगरपालिका द्वारा करीबन 100 करोड़ रुपये की लागत से रांदेर जोन में तापी रिवर फ्रंट की परियोजना साकार की गई है। लेकिन देखरेख के अभाव में यह परियोजना अब दम तोड़ चुकी है। पिछले कुछ समय से तापी रिवर फ्रंट की दुर्दशा के बारे में चर्चा चल रही है। जिसके चलते विपक्षी दल के नेता पायल साकरिया और महेश अणघड सहित विपक्षी नेताओं ने आज तापी रिवर फ्रंट का दौरा किया। जहां इस बात का खुलासा हुआ कि रिवर फ्रंट के निर्माण के दौरान ठेकेदार द्वारा कई तरह की घोर लापरवाही बरती गई है। इसके अलावा रिवर फ्रंट पर बच्चों के मनोरंजन के लिए बनाई गई विभिन्न राइडस भी जर्जर हालत में नजर आ रही हैं।
प्रशासनिक तंत्र सफाई पर भी नहीं दे रहा कोई ध्यान
इस बारे में आम आदमी पार्टी के पार्षद महेश अणधण ने कहा कि 2017 में लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से बने तापी रिवर फ्रंट का की हालत खस्ताहाल है। पिछले एक साल से रिवर फ्रंट के प्रबंधन के लिए निविदाकर्ता नहीं मिलने के कारण जगह का बुराहाल है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रिवर फ्रंट का रख-रखाव तो छोड़ो, लेकिन प्रशासनिक तंत्र की ओर से भी सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, आज दौरे के दौरान ही रिवर फ्रंट पर बड़ी संख्या में शराब की बोतलें मिलीं। जिसके कारण यह जगह शराबियों के लिए स्वर्ग के रूप में फल-फूल रही है। प्रबंधन की जिम्मेदारी पूरी होने के बाद भी एजेंसी के पास अभी भी रिवर फ्रंट में अपनी विभिन्न राइड़स रखें हैं।
उन्होंने तापी रिवर फ्रंट की दुर्दशा की तस्वीर पेश करते हुए आगे कहा कि अगर वर्तमान प्रशासन और शासक इस रिवर फ्रंट का प्रबंधन और रखरखाव करने में विफल हो रहे हैं, तो 2500 करोड़ रूपए की लागत से साकार होनेवाले रिवर फ्रंट की जिम्मेदारी और प्रबंधन करने में महानगरपालिका की प्रशासनिक व्यवस्था सक्षम साबित होगी या नहीं? यह बड़ा सवाल है। महेश अणधण ने ज्वलंत सवाल उठाया कि जब महानगरपालिका द्वारा विश्व बैंक से 1900 करोड़ रुपये का लोन लेने की कवायद शुरू की गयी है, तो सत्ताधारियों को मौजूदा रिवर फ्रंट पर भी ध्यान देना चाहिए।