‘सूरत इकोनोमिक रिजीयन’ को ग्रोथ हब के रूप में विकसित करने के लिए इकोनोमिक डेवलपमेंट प्लान के शुभारंभ के तहत सूरत में अर्बन डेवलोपमेंट सेक्टर में ‘शेपिंग सिटीस ऑफ द फ्यूचर’ पर एक सत्र आयोजित किया गया था। इस पैनल चर्चा में वित्त, ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, मेयर दक्षेश मवानी मौजूद थे।
जीडीपी में गुजरात की हिस्सेदारी में बढ़ोत्तरी
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में देश की कुल जीडीपी में गुजरात की हिस्सेदारी 6.1 प्रतिशत थी, जो अब वर्ष 2024 में बढ़कर 8.1 प्रतिशत हो गयी है। निवेश पर रिटर्न के मामले में सूरत शहर का भविष्य उज्ज्वल है। शहर में भावी पीढ़ियों को निवेश पर अच्छा और उत्साहजनक रिटर्न प्रदान करने की क्षमता है। राज्य सरकार और सूरत महानगर पालिका सूरत के युवाओं को आईटी, पर्यटन और सेवा क्षेत्रों में करियर बनाने में सक्षम बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इकोनोमिक डेवलोपमेंट प्लान गेम चेंजर साबित होगा।
देश की जीडीपी का 65 प्रतिशत हिस्सा शहरों से
मनपा आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने कहा, आज देश की जीडीपी का 65 प्रतिशत हिस्सा शहरों से आता है, जिसमें 3 प्रतिशत का हिस्सा जमीन का है। ऐसा माना जाता है कि भारत का ग्रामीण से शहरी अर्थव्यवस्था में परिवर्तन 2047 तक जारी रहेगा। देश की 70 प्रतिशत आबादी शहरों में रहेगी। गुजरात जैसे राज्य शहरीकरण में प्रगति कर रहे हैं। दुनिया के बड़े शहरों जैसे न्यूयॉर्क और लंदन की अपनी आर्थिक विकास योजना है, उसी तरह भारत में भी 4 शहरों सूरत, मुंबई, वाराणसी और विजाग (आंध्र प्रदेश) का भविष्य का मास्टर प्लान बनाया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि सूरत क्षेत्र में हीरा, रसायन, कपड़ा, कृषि प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। रियल स्टेट में एजुकेशन सिटी, मेडिकल सिटी, टूरिज्म सिटी, इंडस्ट्रियल सिटी और कमर्शियल सिटी को एकीकृत किया गया है।