सूरत के वेसू क्षेत्र में वीर नर्मद यूनिवर्सिटी रोड पर ओवर ब्रिज के नीचे अपने परिवार के साथ सो रही दो साल की बच्ची को एक डंपर चालक ने अगवा कर लिया और बाद में उसे गेल कॉलोनी चार रोड के पास वीआईपी रोड पर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में अदालत ने आरोपी डंपर चालक को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जो उसके शेष प्राकृतिक जीवन तक बढ़ सकता है और 10 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।
इस मामले की जानकारी ये थी कि 11/11/22 को वीर नर्मद विश्वविद्यालय रोड पर ओवर ब्रिज के नीचे दो साल की बच्ची के साथ परिवार सड़क पर सो रहा था। इसी बीच रात करीब ढाई बजे डंपर चालक 25 वर्षीय शुभदीप बालकिशुन राय आसपास घूम रहा था, बाद में कंधे पर लादकर बच्ची को अगवा कर लिया, जबकि बगल में सो रही पडित की बड़ी बहन जाग गई।
अपनी छोटी बहन को उठा ले जाते देख वह चीख पड़ी और माता-पिता को जगाया। मजदूर दंपत्ति अपनी मासूम बच्ची को बचाने के लिए सड़क पर दौड़ गया। उन्होंने दौड़कर मासूम बेटी को ले जाने वाले का पीछा किया, लेकिन इससे पहले कि वह उस तक पहुंच पाता, नराधम बच्ची को लेकर भाग गया। नराधम ने बच्ची को उठाया और मगदल्ला के पास गेल कॉलोनी चार रोड के पास एक खुले खुले इलाके में ले गया। जहां नराधम ने डंपर में बालिका के साथ दुष्कर्म किया।
अपहरण की घटना के दौरान वेसु थाने की पेट्रोलिंग कर रही एक पीसीआर वैन वहां से गुजरी। पीसीआर में पेट्रोलिंग के दौरान महिला हेड कांस्टेबल सुमित्राबेन पटेल को मजदूर परिवार ने आपबीती सुनाई घटना की गंभीरता को देखते हुए जैसे ही वह कंट्रोल रूम पहुंचे पुलिस ने दौड़ना शुरू कर दिया पुलिस ने तुरंत पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी। मजदूर परिवार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार और उस दिशा में पुलिस ने मासूम बच्ची की तलाश शुरू कर दी। इस बीच महिला कांस्टेबल के चलते नराधम पकड़ लिया गया।
तीन महीने और 11 दिन में फैसला
वेसू इलाके में दो साल की बच्ची को अगवा करने वाले डंपर चालक के पॉक्सो एक्ट मामले में विशेष अदालत ने बच्ची से दुष्कर्म करने वाले 25 वर्षीय युवक को दोषी करार दिया है। अदालत ने महज तीन महीने और 11 दिन में सुनवाई पूरी कर दोषी को अंतिम सांस तक कैद की सजा सुनाई।