गुजरातधर्म- समाज

अब अंबाजी मंदिर में मोहनथाल की जगह भक्तों को चिक्की का प्रसाद मिलेगा

सोमनाथ और तिरुपति में सूखे प्रसाद के बाद अब आस्था के प्रतीक अंबाजी मंदिर में भी मोहनथाल प्रसाद नहीं मिलेगा। अब मोहनथाल की जगह भक्तों को चिक्की का प्रसाद मिलेगा। उधर, मोहनथाल का प्रसाद शुक्रवार सुबह ही मंदिर में समाप्त हो गया है। अंबाजी मंदिर के प्रसाद काउंटर से भक्त मोहनथाल का प्रसाद लेकर घर चले जाते थे। वहीं अंबाजी मंदिर के ट्रस्टी महाराज ने कहा कि अब मंदिर में मोहनथाल का प्रसाद समाप्त हो गया है। नया स्टॉक बनाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

अंबाजी मंदिर में आने वाले कई श्रद्धालुओं ने पुरानी परंपरा को बरकरार रखने और अलग पहचान रखने वाले मोहनथाल का प्रसाद जारी रखने की मांग की है। इस संबंध में श्री आरासुरी अम्बाजी माता देव ट्रस्ट के अध्यक्ष को ज्ञापन भी दिया गया है। इस ज्ञापन में कहा गया है कि मोहनथाल के प्रसाद की देश-विदेश में काफी मांग है। साथ ही मोहनथाल प्रसाद बंद होने से पैकिंग में विधवाओं व बेसहारा महिलाओं का रोजगार भी बंद हो गया है।

अंबाजी बनासकांठा जिले के दांता तालुका में एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मंदिर में भक्त दान भी करते हैं। कुछ भक्तों का मानना ​​है कि मोहन थाल का प्रसाद तृप्ति और शक्ति का आनंद देता था। मोहनथाल को बंद करने का फैसला बेहद दुखद है। इस संबंध में मोहनथाल प्रसाद के रूप में बने रहने के लिए सभी स्तरों पर अपील की जाएगी।

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