
सूरत : कुत्ते को इंसाफ दिलान पहली बार कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुत्ते के लापता होने के बाद मौत की शिकायत
अपने अभी तक किसी ग्राहक को महंगी चीजों के विवाद या अन्य विवादों में कंज्यूमर कोर्ट में गुहार लगाने की बात सूनी होगी। लेकिन सूरत में गोपीपुरा का एक परिवार अपने 15 साल के कुत्ते जमकुडी को इंसाफ दिलाने के लिए कंज्यूमर कोर्ट पहुंचा है। जमकुडी दो साल पहले बीमार हो गया था और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से लापता होने के 26 दिन बाद वह मिला था। हालांकि बाद में उसकी मौत होने पर परिवार ने अधिवक्ता श्रेयस देसाई के माध्यम से अस्पताल के खिलाफ एक लाख रुपये का दावा किया है। उपभोक्ता कमिशन ने अब मामले में अस्पताल और ट्रस्टियों को नोटिस जारी कर 24 सितंबर तक बचाव के लिए सबूत पेश करने को कहा है।
गोपीपुरा में रहने वाले एक परिवार के पास जमकुडी नाम का एक कुत्तियां थी। जमकुडी को 9 दिसंबर 2019 को कान में संक्रमण होने पर प्रयास संस्था ले जाया गया था। वहां से उसे नंदिनी पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां पर परिजनों ने 5100 रुपए दिए। जांच के दौरान जमकुडी को मोतियाबिंद बताया गया। जमकुडी के भर्ती होने के दो दिन बाद अस्पताल से फोन आया कि जमकुडी लापता है।
डॉगी के मालि ने अस्पताल से पूछा कि कैसे लापता हो गई। अस्पताल सत्ताधीशों के पास इस बात का कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। सुबह 4.30 बजे लापता होने के करीब 9 घंटे बाद जमकुडी के बारे में मालिक को सूचित कर लापरवाही दिखाई। इस संबंध में उमरा पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। 26 दिन बाद उधना इलाके में जमकुडी मिली और उसकी हालत ज्यादा बिगड़ गई थी और इलाज के दौरान मौत हो गई।
एक तरफ डॉक्टरों की लापरवाही और गंभीर भूल के अलावा जमकुडी की मौत हो गई। उसे खोजने में आयी कठिनाई सहित सभी कारणों को बताकर फरियादी ने अधिवक्ता के माध्यम से उपभोक्ता वादी ने एक वकील के माध्यम से कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत दर्ज करायी है। कोर्ट ने पांजरापोल ट्रस्ट और ट्रस्टियों को 24 सितंबर को अपने बचाव के सबूत के साथ या वकील के माध्यम से पेश होने का निर्देश दिया है।