लेउवा पटेल समाज के सिंगनपोर के ब्रेन डेड युवक की किडनी, लीवर और आंखें दान कर पांच लोगों को नया जीवन देकर मानवता की सुगंध फैलाई और समाज को नई दिशा दिखाई। भावनगर जिले के गारियाधर तालुका के मांडवी गांव के मूल निवासी और वर्तमान में आदर्श सोसाइटी, कॉजवे रोड, सिंगनपोर में रहनेवाले 26 वर्षीय जैनिश वल्लभभाई गुजराती के कतारगाम में एक हीरा कंपनी में प्रबंधक के रूप में कार्यरत थे।
गत 7 तारीख की सुबह वह ड्यूटी पर गया था। इस बीच साथी कर्मचारी को नाश्ता कराकर आने की बात कहकर वह वापस नहीं लौटा। एक अज्ञात व्यक्ति ने उनके मोबाइल पर कॉल कर जवाब दिया कि जिस भाई के पास यह फोन है वह चंद्रशेखर आजाद ब्रिज से नदी में कूद गया है। जैनिश को स्थानीय मछुआरों ने निकाल लिया और स्मीमेर में भर्ती कर दिया। उन्हें ब्रेन हेमरेज का पता चला था। इसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन गुरुवार को न्यूरोसर्जन, न्यूरोफिजिशियन समेत डॉक्टरों ने जेनिश को ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
डोनेट लाइफ की टीम को जब इस बात का पता चला तो वे अस्पताल पहुंचे और जैनिश के परिवार को अंगदान की पूरी प्रक्रिया और उसके महत्व के बारे में बताया और वे मान गए। जैनिश द्वारा दान की गई एक किडनी अहमदाबाद में रहने वाली 37 वर्षीय महिला में, दूसरी किडनी सूरत में रहने वाले 32 वर्षीय व्यक्ति में और लीवर नवसारी में रहने वाले 39 वर्षीय व्यक्ति में निजी अस्पताल में ट्रांसप्लांट की गई है। जबकि दान की गई आंखों का प्रत्यारोपण अस्पताल में दो जरूरतमंद मरीजों में किया जाएगा।
जबकि जैनिश के परिवार में उनके पिता वल्लभभाई एक हीरा कंपनी में जौहरी के रूप में काम करते हैं। जबकि उनकी मां भावनाबेन, बहन जिनल और शीतल जिनकी शादी हो चुकी है। उसका भाई निखिल ऑस्ट्रेलिया में काम करता है।