केंद्रीय बजट में टेक्सटाइल मशीनरी के आयात पर दी गई रियायत को हटा दिया गया है, इसलिए अब से मशीनरी पर साढ़े सात प्रतिशत सीमा शुल्क लगेगा। इसलिए कपड़ा उद्योग में अपग्रेडेशन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस संबंध में प्रेजेंटेशन देने के लिए आज सोमवार को दिल्ली में चैंबर के पदाधिकारी केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात करेंगे।
सूत्रों के अनुसार 1 अप्रैल से विदेशों से आयातित टेक्सटाइल मशीनरी पर 7.5 प्रतिशत सीमा शुल्क और 0.75 प्रतिशत सरचार्ज लगाया जाएगा, जिससे स्थानीय उद्योगपतियों को 8.25 प्रतिशत शुल्क देना होगा। अब तक विदेशों से आयातित मशीनरी पर टैक्स नहीं होने से व्यापारियों को फायदा हुआ। हालांकि, इसका भुगतान अगले महीने से करना होगा। कपड़ा उद्योग का कहना है कि टैक्स लगाने से उद्योगपतियों की पूंजी जाम हो जाएगी और इसका सीधा असर उद्योग के अपग्रेडेशन पर पड़ेगा।
चैंबर के अध्यक्ष हिमांशु बोड़ावाला ने कहा कि 31 मार्च के बाद उद्योगपतियों को विदेशों से मशीनरी आयात करने पर शुल्क देना होगा। तो उद्योग जगत में चिंता है, सोमवार को चैंबर का प्रतिनिधिमंडल इस मामले को पेश करने के लिए दिल्ली जाएगा और केंद्रीय कपड़ा और रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक कर उद्योगपतियों को मशीनरी पर सीमा शुल्क में आ रही समस्या को पेश करेंगी।