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सूरत : व्यापार और उद्योगों के लिए गुजरात सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में जानें, मिलेगी इतनी सब्सिडी 

MSMEs और बड़े उद्योगों को आत्मनिर्भर गुजरात स्कीम 2022 फोर असिस्टनस टू इंडस्ट्रीज, गुजरात टेक्सटाइल पॉलिसी 2019 और लॉजिस्टिक्स पॉलिसी के तहत उपलब्ध लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और जिला उद्योग केंद्र सूरत की एक संयुक्त पहल पर बुधवार, 17 मई 2023 को समृद्धि, नानपुरा, सूरत में ‘गुजरात सरकार के व्यापार और उद्योग के लिए प्रोत्साहन योजनाओं’ पर एक जागरूकता सत्र आयोजित किया गया था। जिसमें जिला उद्योग केन्द्र सूरत के महाप्रबंधक एम.के. लादानी ने उद्योगपतियों को व्यापार और उद्योगों के लिए गुजरात सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं जैसे कि उद्योगों को सहायता के लिए आत्मनिर्भर गुजरात योजना 2022, गुजरात कपड़ा नीति 2019 और लॉजिस्टिक्स पॉलिसी के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

इन तहसीलों में निवेश करने पर मिलेगी इतनी सब्सिडी

जिला उद्योग केंद्र सूरत के महाप्रबंधक एम.के. लादानी ने कहा कि उद्योगों को सहायता के लिए आत्मनिर्भर गुजरात योजनाओं में सभी उद्योगों को शामिल किया गया है। विशेष रूप से सूक्ष्म उद्योग को तालुका आधार पर सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है। सूरत जिले के उमरपाड़ा और महुवा तालुकों में स्थित सूक्ष्म उद्योगों को 10% सब्सिडी, बारडोली और मांडवी तालुकों को 20% और मांगरोल, कामरेज, सायन और ओलपाड तालुकों में निवेश के एवज में 10% की ऋण राशि दी जाती है।

उद्योगों को सहायता के लिए आत्मनिर्भर गुजरात योजना के तहत एमएसएमई को तालुका के आधार पर 10 वर्षों के लिए 100 से 80 प्रतिशत तक शुद्ध एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति मिलती है। एमएसएमई के लिए 7 साल तक तालुका के मुताबिक 35 लाख रुपये तक की वार्षिक ब्याज सब्सिडी और दस साल के लिए ईपीएफ प्रतिपूर्ति उपलब्ध है। इस योजना के तहत यूनिट धारक का ई.पी.एफ. प्रतिपूर्ति का 12 प्रतिशत या 1800 रुपये जो भी कम हो, पांच साल के लिए सब्सिडी के रूप में वापस कर दिया जाएगा।

100 कर्मचारियों वाली औद्योगिक इकाई को 4% अनुदान

गुजरात कपड़ा नीति 2019 केवल कपड़ा उद्योग के लिए है। इसमें एमएसएमई को ब्याज अदायगी के तौर पर 6 फीसदी सब्सिडी मिलती है। यदि बुनाई इकाई में एलटी कनेक्शन है, तो इकाई को 3 रुपये की सब्सिडी मिलती है। जबकि अन्य कनेक्शन पर दो रुपये की सब्सिडी मिलती है। 100 कर्मचारियों वाली एक औद्योगिक इकाई को 4% अनुदान, 100 से 200 कर्मचारियों को 4.5% अनुदान, 200 से 500 कर्मचारियों को 5% अनुदान और 500 से अधिक कर्मचारियों को 6% अनुदान मिलता है।

देश में राष्ट्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों के लिए मिलेगी सब्सिडी

इस नीति में बाजार विकास सहायता के तहत स्थानीय और राज्य स्तरीय प्रदर्शनियों में भाग लेने वाले कपड़ा उद्योगपतियों को 50,000 रुपये तक की सब्सिडी मिलती है। देश में राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों के लिए 1 लाख रुपये, अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों के लिए 2 लाख रुपये और विदेशों में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों के लिए 5 लाख रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध है।

इसके अलावा औद्योगिक पार्कों के निर्माण के लिए डेवलपर्स को 30 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है। जबकि लॉजिस्टिक्स पॉलिसी के तहत लॉजिस्टिक्स पार्क के लिए 15 करोड़ रुपए तक की कैपिटल सब्सिडी दी जाती है।

स्वागत भाषण चेंबर अध्यक्ष हिमांशु बोड़ावाला ने दिया। प्रेसिडेंट इलेक्ट रमेश वाघासिया ने सर्वे का आभार जताया। उपाध्यक्ष निर्वाचित विजय मेवावाला और मानद मंत्री भावेश टेलर उपस्थित थे। पूरे सत्र का संचालन चेंबर की सरकारी योजना समिति के अध्यक्ष राजीव कपासियावाला ने किया। जबकि को-चेयरमैन मयूर गोलवाला ने स्पीकर का परिचय दिया। इस जागरूकता सत्र में अध्यक्ष ने पदाधिकारियों व विभिन्न औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों के सवालों के जवाब दिए और फिर सत्र का समापन किया गया।

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