29 नवंबर 2022 को सायंकाल 6 बजे साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (एसजीटीटीए) के बोर्ड रूम में अति आवश्यक बोर्ड मीटिंग का आयोजन किया गया। संचालन संस्था के महामंत्री सचिन अग्रवाल ने और अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष सुनील कुमार जैन ने की।
मीटिंग में साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन (एसजीटीपीए) के उस फरमान का कड़ा विरोध किया गया जिसमें 1 दिसंबर से तीस दिन के पेमेंट पर कोई भी डिस्काउंट नहीं देने और तीस दिन से 60 दिन के बीच में पेमेंट पर 24 पर्सेंट इंट्रेस्ट लेने की बात कही गई है। बोर्ड मेंबर्स ने एक स्वर से एसजीटीपीए के फैसले को व्यापारी और मिल मालिकों के बीच दूरी बढ़ाने वाला बताया।
मीटिंग में यह बात भी निकल कर आई कि व्यापारी छूट की वजह से पेमेंट फास्ट करता है। प्रोसेस हाउस अपने डेवलपमेंट के हिसाब से जॉब चार्ज नक्की करते हैं और प्रत्येक मिल अपनी-अपनी कास्टिंग के मुताबिक रेट बढ़ाने के लिए स्वतंत्र भी है।
बोर्ड मीटिंग में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि कोयला, कलर-कैमिकल्स, इत्यादि के रेट में 20 से 25 पर्सेंट की बड़ी गिरावट के बावजूद इस तरह के फैसले का क्या औचित्य है। प्रोसेस हाउस में मंदी के इस दौर में प्रोग्राम की कमी साफ तौर पर देखी जा सकती है। इस तरह का बेतुका फैसला व्यापार के हित में नहीं है और इसे व्यापारिक माहौल खराब करने वाला फैसला ही कहा जा सकता है। ऐसे एकतरफा फैसला करने से व्यापारी और मिल मालिकों के बीच में समन्वय बिगड़ने की आशंका बढ़ी है।
ट्रेडिंग व्यापारियों और मिल मालिकों का चोली दामन का है और दोनों ही घटक एक दूसरे के पूरक हैं । ऐसे में कोई भी निर्णय आपसी तालमेल और समन्वय से लिया जाना चाहिए। एजीटीपीए द्वारा इस प्रकार से एकतरफ़ा निर्णय लेना व्यापार हित में उचित नहीं है।
बोर्ड मीटिंग में यह भी निर्णय लिया गया कि ट्रेडर्स भाइयों का ग्रे महीनों तक मिलों में पड़ा रहता है और प्रोग्राम देने के बाद भी उसकी डिलेवरी लेट आती है। उस पर हमको भी ब्याज का क्लेम करना चाहिए। साथ ही गलत डिजाइन, गलत रंग छप कर आते हैं। माल शॉर्ट आता है। आगे से उस पर भी व्यापारी क्लेम लेंगे। मीटिंग में इस बात का भी जिक्र किया गया कि जो व्यापारी मिल मालिकों का पेमेंट 60 दिन से अधिक लेट करते हैं तो वैसे व्यापारियों का माल नहीं छापने के लिए स्वतंत्र हैं।
सभी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने एसजीटीटीए को कहा कि संस्था को सभी ट्रेडर्स भाइयों के नाम खुला पत्र जारी करना चाहि कि एक दिसंबर से नए धाराधोरण की संस्था पूरी तरह विरोध करती है। बोर्ड मेंबर्स ने दो टूक शब्दों में कहा कि हमें यह धाराधोरण कतई मंजूर नहीं है। मीटिंग में महेश जैन, नितिन गर्ग, सुरेंद्र जैन,सुनील मित्तल, संतोष माखरिया, हंसराज जैन, नीरज अग्रवाल, संजय अग्रवाल, आशीष मल्होत्रा आदि उपस्थित सदस्यों ने एक स्वर से एसजीटीपीए द्वारा घोषित नए टर्म-कंडीशन का पुरजोर विरोध किया l