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सूरत : कपड़ा उद्यमियो को नई किस्म के कपड़े बनाने के लिए पॉलिएस्टर यार्न की नई गुणवत्ता की जानकारी दी 

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सहायक उपाध्यक्ष असीम पान ने 'पॉलिएस्टर - द रोड अहेड' विषय पर मार्गदर्शन किया

द सदन गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के GFRRC (ग्लोबल फैब्रिक रिसोर्स एंड रिसर्च सेंटर) द्वारा सूरत में ‘पॉलिएस्टर – द रोड अहेड’ पर एक सेमिनार आयोजित किया गया था। जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सहायक उपाध्यक्ष असीम पान ने नए प्रकार के कपड़े बनाने के लिए पॉलिएस्टर यार्न की नई गुणवत्ता और विभिन्न उत्पादों के बारे में उद्योगपतियों का मार्गदर्शन किया।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने कहा कि वैश्विक बाजार में पॉलिएस्टर फाइबर की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। वजीर एडवाइजर्स के एक सर्वेक्षण के अनुसार, वर्ष 2030 तक, पॉलिएस्टर फाइबर विश्व बाजार के 59% हिस्से पर कब्जा कर लेगा, इस प्रकार पूरी दुनिया अब स्थिरता पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सहायक उपाध्यक्ष असीम पान ने कहा कि एयरलाइट उत्पाद ठोस फाइबर से बना है। यह उत्पाद शरीर की रक्षा करता है और बाहरी वातावरण को तुरंत शरीर को प्रभावित नहीं करने देता। अल्काइमा उत्पाद शरीर को ठंड में गर्म करते हैं और गर्मी में ठंडा करते हैं। यह उत्पाद कूलटेक फाइबर की तरह कार्य करता है और एक सर्व-जलवायु उत्पाद है। सुपरफील (सॉफ्ट टच) उत्पाद कॉटन स्पून के समान हैं, लेकिन पिलिंग के रूप में नहीं चलते हैं। उन्होंने कपास की तरह दिखने वाले कोटलुक उत्पाद के बारे में भी जानकारी दी।

उन्होंने आगे कहा कि फ्लाईओवर की दीवारों में इंडस्ट्रियल यार्न (जियो ग्रिड) का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा लगता है कि यह सूत तेल के क्षरण को रोकने का काम करता है। भारतीय टायर बाजार के एक सर्वेक्षण के अनुसार, नायलॉन टायरकोट की तरह पॉलिएस्टर टायरकोट का उपयोग बढ़ गया है। उन्होंने आगे कहा कि टेक्निकल टेक्सटाइल की ग्रोथ काफी अच्छी है। वस्त्रों में कार्यक्षमता होनी चाहिए। टेक्निकल टेक्सटाइल प्रोजेक्ट 5 करोड़ रुपये से बना है, इसलिए छोटे उद्यमी इस प्रोजेक्ट को शुरू कर सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि सूरत के कपड़ा उद्योग को कार्यक्षमता पर भी काम करना है। इस दिशा में उन्होंने ढेर सारी सांख्यिकीय जानकारियों के साथ उद्योगपतियों को समझाइश दी। उन्होंने अपैरल पार्क और नॉन अपैरल पार्क में क्या हो रहा है, इसकी भी जानकारी दी।

जीएफआरआरसी के अध्यक्ष गिरधर गोपाल मुंदड़ा ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए कहा कि पॉलिएस्टर के धागों से बने कपड़े काफी सस्ते होते हैं। पॉलिएस्टर यार्न से विभिन्न कपड़े बनाए जाते हैं। पॉलिएस्टर यार्न का उपयोग साड़ी, महिलाओं की पोशाक, सूट, दुपट्टा, पैंट शर्ट और फर्निशिंग फैब्रिक्स सोफा, पर्दे आदि में किया जाता है। इससे बने कपड़ों में रंगाई और फिनिशिंग का अहम रोल होता है। इन कपड़ों पर डिजिटल प्रिंट और रोटरी प्रिंट और कढ़ाई आदि भी किया जा रहा है।

चेंबर के तत्कालीन पूर्व अध्यक्ष आशीष गुजराती, मानद मंत्री भावेश टेलर व पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल शाह व महेंद्र काजीवाला मौजूद थे। सेमिनार का संचालन चैंबर जीएफआरआरसी के सह अध्यक्ष उमेश कृष्णानी ने किया। चेंबर उपाध्यक्ष रमेश वघासिया ने सर्वे का आभार जताते हुए संगोष्ठी का समापन किया।

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