सूरत : कपड़ा व्यापारियों ने मेखला चादर पर प्रतिबंध को लेकर सीआर पाटील से लगाई गुहार
सूरत में बन रहे मेखला चादर जो कि एक मात्र आसामी औरतों की पसंदीदा पोशाक है। असम सरकार ने सूरत में बनने वाली और असम में बिकने वाली मेखला चादर नाम की साड़ी पर प्रतिबंध लगा दिया है, ऐसे में सूरत के व्यापारियों और निर्माताओं की हालत खराब हो गई है। सूरत में स्टॉक, वहॉं भी रिटेल दुकान तक के माल जो कम से कम 100 करोड़ का होगा पुरी रकम ब्लोक हो गई है। व्यापारी बहुत परेशान है।
इस विषय को लेकर साकेत ग्रुप के सावर प्रसाद बुधिया के अगुवाई में दिनेश कटारिया सहित व्यापारियों का प्रतिनिधि मंडल ने नवसारी सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल से मुलाकात कर व्यापारियों की समस्या से अवगत कराया। इस अवसर पर सी आर पाटिल ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर उचित निवारण लाने का आश्वासन दिया है।
गौरतलब है कि मेखला चादर साड़ी शुद्ध रेशम से बनी होने के कारण इसकी कीमत 8 हजार से 10 हजार रुपये तक है, जबकि सूरत में पॉलिएस्टर की यह साड़ी ग्राहकों को 700 से 800 रुपये में उपलब्ध थी।
सूरत से हर महीने 500 करोड़ रुपये की साड़ियां असम भेजी जाती थीं। असम हथकरघा बोर्ड के हस्तक्षेप से असम सरकार ने 1 मार्च को आसामी सिल्क पॉलिएस्टर संस्करण पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह सुझाव दिया गया था कि आसामी पॉलिएस्टर साड़ियों के पॉलिएस्टर संस्करण से स्थानीय हथकरघा उद्योगों को भारी नुकसान होगा।