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सूरत : मेखला साड़ी का 500 करोड़ का नुकसान रोकने व्यापारियों ने लिया यह फैसला

सूरत के व्यापारी एक साल का समय दिया जाए : फोस्टा

सूरत की मेखला चादर साड़ी को असम सरकार ने एक मार्च से बैन कर दिया है, जिससे सूरत के कपड़ा उद्योग को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है।पहले भी सूरत के व्यापारियों की ओर से गुहार लगाई गई थी, लेकिन अब तक बात नहीं बनी, अब व्यापारियों और बुनकरों ने दिल्ली में मंत्री पीयूष गोयल को गुहार लगाने का फैसला किया है। आने वाले दिनों में फोस्टा और फोगवा के अग्रणी इस मुद्दे को लेकर दिल्ली जाएंगे।

फोस्टा अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया कि असम में मेखला साड़ियों पर प्रतिबंध के संबंध में रणनीति तय करने के लिए फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ गुजरात वीवर्स वेलफेयर एसोसिएशन के साथ-साथ असम में साड़ी बेचने वाले व्यापारियों की एक बैठक हुई। जिसमें व्यापारीयों को एक साल का समय दिए जाने पर चर्चा हुई और अगले दिनों में कपड़ा उद्योग के हित में उचित निर्णय लेने के लिए दिल्ली में मंत्री पीयूष गोयल से मांग की जायेगी।

फोस्टा महामंत्री चंपालाल बोथरा ने कहा कि अगर 14 अप्रैल से पहले असम सरकार द्वारा प्रतिबंध नहीं हटाया गया तो वहां भेजा गया माल वापस आने की संभावना है। मेखला साड़ियों को दूसरे राज्यों में नहीं बेचा जाता है,इसलिए यह नुकसान भरपाई नहीं की जा सकती हैं l

फेडरेशन ऑफ गुजरात वीवर्स वेलफेयर एसोसिएशन के  अध्यक्ष अशोक जीरावाला ने कहा कि उनके पास भी करोड़ों रुपये के स्टॉक हैं जिन्हें नुकसान होने की संभावना है। एक अनुमान के मुताबिक, व्यापारियों, बुनकरों और प्रोसेसर के साथ-साथ यार्न विक्रेताओं के पास 500 करोड़ रुपये का स्टॉक है, जो अगर असम सरकार द्वारा प्रतिबंध वापस नहीं लिया जाता है तो वह साल का समय देने की मांग करेंगे। बैठक में फोस्टा अध्यक्ष मनोज अग्रवाल सहित राजेश अग्रवाल, रंगनाथ शारडा, चंपालाल बोथरा व फोगवा अध्यक्ष अशोक जीरावाला सहित व्यापारी उपस्थित थे।

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