
सूरत : भगवान जगन्नाथ के लिए वृदांवन से ढाई लाख के वस्र लाए गए
भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलदेव और बहन सुभद्रा के साथ आषाढ़ शुक्ल बीज पर रथ की सवारी करेंगे और शहर की यात्रा पर जाएंगे। इस अवसर पर 20 जून को देवता को 2.5 लाख रुपये के विशेष ‘वाघा’ पोशाक में सजाया जाएगा। इन पोशाक को वृंदावन से लाया गया है। वहां 15 कारीगरों ने इसे एक महीने की मेहनत के बाद तैयार कर सूरत भेजा है। ज्येष्ठ पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ की जलयात्रा (स्नान यात्रा) संपन्न हुई। जल यात्रा के बाद आषाढ़ी में आयोजित भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
शहर में भी श्रद्धालुओं ने यात्रा को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान पहने जाने वाले विशेष ‘वाघा’ पोशाक का जहांगीरपुरा स्थित इस्कॉन मंदिर में पूजन किया गया। इस संबंध में मंदिर प्रबंधन समिति के सरोज प्रभु ने बताया कि वृंदावन में 15 कारीगरों ने एक महीने की मेहनत से करीब ढाई से तीन फीट का विशेष ‘वाघा’ पोशाक तैयार किया है।
प्योर सिल्क के कपड़े पर कढ़ाई, जरी, डायमंड आदि की खूबसूरत हैंडवर्क से ‘वाघा’ पोशाक को आकर्षक बनाया गया है। 20 जून को भगवान जगन्नाथ आषाढ़ी बीज को ढाई लाख की लागत से तैयार इस विशेष ‘वाघा’ पोशाक को धारण कर रथ से नगर भ्रमण करेंगे।
इस्कॉन मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से वे 20 जून को सूरत रेलवे स्टेशन क्षेत्र से रवाना होंगे। जहांगीरपुरा स्थित मंदिर परिसर में रथ को सजाने का काम शुरू हो गया है। समिति के सदस्यों व अन्य श्रद्धालुओं ने भी प्रसाद के पैकेट तैयार करना शुरू कर दिया है। रथ यात्रा के एक दिन पहले 19 जून को मंदिर में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। साथ ही एकादशी के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे।