
सूरत : ग्रे कपड़ो की गांठों का वजन कम न होने के कारण मजदूर फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतरे
ट्रांसपोर्ट गोदामों में मालेगांव, भिवंडी, इरोड समेत देशभर के अन्य शहरों से ग्रे कपड़ो की गांठे आती हैं
सूरत कड़ोदरा रोड पर वांकानेडा तथा अंतरौली गांव में ग्रे कपड़ो की गांठों के ट्रांसपोर्ट गोदाम स्थित हैं। इन ट्रांसपोर्ट गोदामों में मालेगांव, भिवंडी, इरोड समेत देशभर के अन्य शहरों से ग्रे कपड़ो की गांठे आती हैं। इन गांठों का वजन 120 किलोग्राम से लेकर 150 किलोग्राम तक रहता हैं। मानवाधिकार अधिनियम तथा अंतरराष्ट्रीय आदर्श श्रम मानक के अनुसार कोई भी वयस्क व्यक्ति यदि 50 किलोग्राम से अधिक वजन उठाता हैं तो वो उसके स्वास्थ पर विपरीत प्रभाव डालता हैं।
इसके अलावा कारखाना अधिनियम की धारा-34 तथा गुजरात दुकान एवम् स्थापना अधिनियम की धारा-11 कहती हैं कि श्रमिकों से अत्यधिक वजन नहीं उठवाया जा सकता जिससे उनके स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड़े या कोई दुर्घटना या अकस्मात होने की संभावना उत्पन्न हो। इसी को ध्यान में रखते हुए मजदूर यूनियन, फोस्टा तथा ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा साझा रूप से कपड़ो के पार्सलों का अधिकतम वजन 65 किलोग्राम निर्धारित किया गया हैं।
ऐसे में उक्त ट्रांसपोर्ट गोदामों के संचालकों को भी यूनियन द्वारा दो बार पत्र भेजकर गांठों का वजन अधिकतम 65 किलोग्राम करने की मांग की थी किंतु कोई सुनवाई न होने पर पिछली 02 अक्टूबर को मजदूर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतर गए थे जिसके पश्चात 03 अक्टूबर को मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों तथा ट्रांसपोर्टरों के बीच समझौता हुआ था और सभी ट्रांसपोर्टरों ने यूनियन को लिखित आश्वाशन दिया था कि 15 अक्टूबर तक गांठों का अधिकतम वजन 65 किलोग्राम कर दिया जाएगा किंतु लिखित आश्वाशन देने के बाद भी गांठों का वजन कम नहीं हुआ अब मजदूर फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतर गए हैं जिसके कारण ढुलाई का सारा कार्य ठप हो गया हैं।
मजदूर यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा व प्रवक्ता शान खान ने बताया कि मजदूरों से अत्यधिक वजन उठवाने के अमानवीय और गैरकानूनी कृत्य के खिलाफ यह हड़ताल शुरू की गई हैं। मजदूरों को विधिविरुद्ध श्रम करने के लिए विवश करने वालो के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा-146 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करने हेतु संबंधित पुलिस थाने में यूनियन द्वारा पत्र भी भेजा गया हैं।