Poem
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शिक्षा-रोजगार
कविता : बहुत बदल गया हूँ मैं ….
बहुत बदल गया हूँ मैं पहले सा कहां रह गया हूँ मैं अक्स नया रंगत नयी। पर्वत सा थम…
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शिक्षा-रोजगार
दीपावली मुबारक
दीपावली मुबारक वह रोज़ मनाता है दीपावली आसमान की दहलीज़ पर रोज़ टाँक देता है एक सूरज जलते दिये –…
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शिक्षा-रोजगार
अब न करुँगी मैं कोई भी सिंगार
हे सखि…… ना बरसा ई सावन ससुरा, ना बरसा भादो हरजाई… बादल में भी पाँख लगा बरसा दूर देश में…
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