केन्द्रीय इस्पात मंत्री ने AM/NS इंडिया के सहयोग से गुजरात में निर्मित भारत की पहली पूर्ण स्टील स्लैग सडक़ का उद्घाटन किया
आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AM/NS इंडिया) और प्रमुख भारतीय वैज्ञानिक संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से स्टील स्लैग का उपयोग करके छह लेन की सडक़ का निर्माण किया गया है
हजीरा-गुजरात, 15 जून, 2022 : केंद्रीय इस्पात मंत्री श्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने आज दुनिया के दो प्रमुख इस्पात निर्माता आर्सेलरमित्तल और निप्पॉन स्टील के संयुक्त उद्यम AM/NS इंडिया द्वारा उत्पादित विशेष रूप से डिजाइन किए एवं स्टील निर्माण के बाय-प्रोडक्ट स्लैग से निर्मित भारत की पहली सडक़ का उद्घाटन किया।
सूरत में 1 किमी छह लेन की सडक़ का निर्माण AM/NS इंडिया के हजीरा विनिर्माण संयंत्र से लगभग 1 लाख टन प्रोसेस्ड(संसाधित) स्टील स्लैग का उपयोग करके किया गया था। इसे काउंसिल ऑफ साइन्टिफिक एंड इन्डस्ट्रीयल रिसर्च(CSIR) की एक प्रयोगशाला सेन्ट्रल रोड़ रिसर्च इन्स्टीट्यूट(CRRI) के सहयोग से विकसित किया गया था।
इस सडक़ के उद्घाटन कार्यक्रम में केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि, यह माइलस्टोन प्रोजेक्ट AM/NS इंडिया की अपने स्टीलमेकिंग आपरेशन से प्राप्त बाय-प्रोडक्ट को रीसायकल और पुन: उपयोग करने की प्रतिबद्धता से प्राप्त हुई है, जो वाकई में सराहनीय है। भारत के इस्पात उद्योग की वृध्धि के साथ ही औद्योगिक नवीनीकरण भी होना चाहिए जो स्थायी, सर्कुलर निर्माण विकास को सुनिश्चित करता है। इसके बाद केन्द्रीय मंत्री ने AM/NS इंडिया के संयंत्र के साथ-साथ विस्तरण स्थलों का भी दौरा किया।
AM/NS इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप ओम्मेन ने कहा कि, CRRI द्वारा समर्थित AM/NS इंडिया सडक़ निर्माण में नेचुरल एग्रीगेट का एक विकल्प विकसित करने पर गौरवान्तित महसूस करती है। यह प्रोडक्ट अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुसार उत्पादित एवं कॉस्ट कम्पीटिटीव(लागत प्रतिस्पर्धी) है और साथ ही प्राकृतिक संसाधनों पर बोझ को कम भी करता है। ‘वेस्ट टु वेल्थ’ और स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा, अपनी तरह की पहली पहल न केवल एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था में योगदान करने के लिए हमारी खोज को मान्य करता है बल्कि अन्यों को अनुकरण के लिए एक नया बेंचमार्क भी स्थापित करता है।
AM/NS इंडिया को हाल ही में GR इंफ्रा प्रोजेक्ट्स से स्टील स्लैग की आपूर्ति का ऑर्डर मिला है। इसे हाल ही में सूरत में एना से कीम तक 36.93 किलोमीटर आठ-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड स्ट्रेच के निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। यह स्ट्रेच आगामी वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा है। पहला ऑर्डर 1 लाख टन स्टील स्लैग की आपूर्ति के लिए है। 350 टन स्टील स्लैग का पहला कन्साइनमेंट ढोने वाले 10 ट्रकों को पीछले सप्ताह एएम/एनएस हजीरा से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
हजीरा में AM/NS का 9 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) एकीकृत स्टील प्लांट इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस/कॉनार्क फर्नेस से 2 MTPA स्टील स्लैग उत्पन्न करता है। स्टील स्लैग का लंबे समय से सडक़ बनाने और निर्माण क्षेत्र के लिए पुन: उपयोग किया गया है, इसकी गुणवत्ता और कार्यक्षमता को न तो विनियमित किया जाता है और न ही निगरानी की जाती है। इसे संबोधित करने के लिए, CRRI को इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सडक़ निर्माण के क्षेत्र में स्टील स्लैग के उपयोग पर वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए एक राष्ट्रीय परियोजना प्रदान की गई थी।
AM/NS इंडिया ने इस पहल के लिए उद्योग भागीदार बनने का निर्णय किया था। परिणामी संसाधित स्लैग वैज्ञानिक रूप से सडक़ और हाई-वे निर्माण में सामान्य तौर पर उपयोग किए जाने वाले नेचुरल एग्रीगेट्स की तुलना में अधिक टिकाऊ और लागत प्रभावी साबित हुआ है। कुछ लेयर्स में स्टील स्लैग के साथ आंशिक रूप से पत्थर के चिप्स को बदलकर टेस्ट रोड पैच बनाए गए थे। इसके विपरीत, वर्तमान सडक़ को रास्ते के सभी लेयर्स में नेचुरल एग्रीगेट को बदलकर बनाया गया है, जिसे देश में पहली बार और संभवत: दुनिया में भी पहली बार बनाया गया है।
नई सडक़ सूरत जिले में एक महत्वपूर्ण ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर साबित हुई है। प्रति दिन 1000 से 1200 भारी वाणिज्यिक वाहन इसका उपयोग करते हुए हजीरा पोर्ट से मालसामान की हेरफेर करते हैं। इस सडक़ की विशेषता एवं टिकाउपन का गुण पूरे भारत में सडक़ और हाई-वे के निर्माण में उपयोग की जाने वाली इस नवीन एवं रिसायकल्ड सामग्री की क्षमता को भी प्रदर्शित करता है।