शिक्षा-रोजगार

श्रीमती सावित्रीबाई फुले विद्यालय में अनोखा प्रयोग “आओ आत्मनिर्भर बनें”

“शिक्षक कभी साधारण नहीं होता प्रलय और विकास उसकी गोद में पलते है” इस कहावत को चरितार्थ करते हुए श्रीमती सावित्रीबाई फुले स्कूल नं-47 नवागाम सूरत के शिक्षक श्री महेंद्र पांडुरंग खैरनार द्वारा एक अनोखा प्रयोग जुन-2023 से शुरू किया गया है।

जिसमें बालवाटिक से कक्षा 8 तक के बच्चे राखी बनाना, वेशभूषा ,बाल बुनाई, मेकअप, दीपक बनाना, मिट्टी के खिलौने बनाना, बेकार वस्तुओं से बेहतरीन वस्तुएं बनाना, मेंहदी निकालना, कपड़ा प्रेस करना, फुलहार बनाना,चाय बनाना जैसी विभिन्न गतिविधियों में लगे हुए हैं। वह बच्चे के अंदर छिपी गुप्त शक्ति और विशेष गुण को खोजकर बच्चे और उनके माता-पिता को समझाते हैं। ताकि बच्चे भविष्य में अपने अंदर छिपे विशेष गुण या छिपी शक्ति के कारण आत्मनिर्भर बन सकें।

नई शिक्षा नीति-2020 में व्यावसायिक शिक्षा की भी वकालत की गई है। साथ ही भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का “आत्मनिर्भर भारत” का सपना साकार करने हेतु यह नया प्रयोग काम कर रहा है। बच्चे में छिपी हुई शक्ति या गुण छिपा होता है, लेकिन उसे न तो बच्चा समझ पाता है और न ही उसके माता-पिता। ऐसे मेधावी बच्चों की पहचान करने के लिए एक नया प्रयोग चल रहा है ताकि वे अपने भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकें। यह सभी बच्चों के लिए एक बहुत ही उपयोगी नया प्रयोग है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button