
वीरेश तरसरिया ने अनाथ बेटियों के साथ मनाया 32वां जन्मदिन
असली खुशी खुशी पाने में नहीं, बल्कि दूसरों को खुशी देने में है- वीरेश तरसरिया हर साल अनोखे अंदाज में अपना जन्मदिन मना रहे हैं
सूरत: सूरत के युवा व्यवसायी वीरेश तरसरिया ने अपना 32वां जन्मदिन सामाजिक जिम्मेदारी के साथ अनोखे अंदाज में मनाया। 2018 में उन्होंने कतारगाम इलाके में एक फार्महाउस में अनाथालय के दिव्यांग बच्चों को मर्सिडीज, ऑडी और बीएमडब्ल्यू कार में घूमाकर उन्हें खाना और खिलौने देकर खुश किया था। उस दिन वीरेशभाई को एहसास हुआ कि उन्होंने अपने जीवन में कुछ नया किया है और उस दिन से उन्होंने हर जन्मदिन को एक अलग संकल्प के साथ मनाने का फैसला किया।
वीरेश तरसरिया ने कहा कि जन्मदिन की पार्टी मनाने की बजाय मुझे दिव्यांग बच्चों और अनाथ बच्चों के साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता है। इन बच्चों की आंखों में खुशी मेरे लिए सबसे बड़ा तोहफा है।
उन्होंने आगे बताया कि वे 2015 से आयात निर्यात के कारोबार से जुड़े हैं। 2018 से जब से उनके जीवन में आर्थिक स्थिरता आई है, वे जन्मदिन और सालगिरह जैसे अवसरों को जरूरतमंदों के साथ मनाते आ रहे हैं। कोरोना काल में भी उन्होंने घर पर खाना बनाकर बच्चों तक पहुंचाया और जरूरतमंद परिवारों को राशन किट और सब्जियां बांटी।
वीरेश तरसरिया कहते हैं कि मेरा मानना है कि हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपनी कमाई का कुछ हिस्सा समाज को दें। हर व्यक्ति को अपनी खुशी के पल उन लोगों के साथ बांटने चाहिए जो जीवन में खुशी की तलाश कर रहे हैं। आज वीरेश तरसारिया ने अनाथालय में अनाथ लड़कियों के साथ अपना 32वां जन्मदिन मनाया।
उन्होंने सूरत के नागरिकों को यह संदेश भी दिया कि जन्मदिन या सालगिरह पर धूमधाम की बजाय जरूरतमंदों की मदद करने से जो आत्मिक शांति मिलती है, वह किसी उपहार या पार्टी से नहीं मिल सकती।