
पीड़िता नहीं दे पाई जबरन यौन संबंध बनाने के सबूत, आरोपी बरी
जमीन दलाल पर 33 वर्षीय विवाहिता ने लगाया था बलात्कार का आरोप
सूरत। पति को लंबे समय तक जेल में कैद करवाने की धमकी देकर विवाहिता से बलात्कार करने के चार साल पुराने मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। पीड़िता के बयान और उसके बर्ताव से मामला जबरदस्ती यौन संबंध बनाने का नहीं मानते हुए कोर्ट ने सबूतों के अभाव में आरोपी को निर्दोष छोड़ दिया।
बचाव पक्ष की अधिवक्ता सोनल शर्मा के मुताबिक, मोटा वराछा निवासी जमीन दलाल दलसुख सोजित्रा के खिलाफ वर्ष 2021 में अमरोली थाने में एक विवाहिता ने बलात्कार की शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें आरोप लगाया था कि आरोपी पीड़िता के पति की गैर मौजूदगी में घर में घुस आया और पति को लंबे समय तक जेल की कैद में भिजवाने की धमकी देकर बलात्कार किया।
पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। उसके बाद से मामले की सुनवाई सेशन कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सोनल शर्मा में आरोपी की ओर से दलीलें पेश कि और बताया कि अभियोजन पक्ष अपने आरोप निसंदेह साबित करने में विफल रहा है। आक्षेपित अपराध के कोई तत्व रेकार्ड पर देखने नहीं मिले हैं। जिरह के दौरान पीड़िता ने स्वीकृत की हकीकत से स्पष्ट होता है कि आरोपी ने इस तरह का कोई अपराध नहीं किया है।
अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अधिवक्ता सोनल शर्मा की दलीलों को ध्यान में रखते हुए माना कि पीड़िता ने लगाए आरोप पीड़िता के बयान और पेश किए सबूतों से साबित नहीं हो रहे हैं। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में आरोपी जमीन दलाल दलसुख सोजित्रा को निर्दोष छोड़ने का हुक्म सुनाया।