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कोरोना संक्रमित लोग ठीक होने के बाद कब लगाएं टीका, जानें सरकार के पैनल का सुझाव

भारत के कई राज्यों में वैक्सीन की कमी की खबरे सामने आ रही है। कई राज्यों में 18 से 44 वर्ष के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू नहीं हो पाया है। इस बीच कोरोना वैक्सीन की कमी के बीच टीकाकरण के लिए गठित द नेशनल टेक्ïिनकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनिजशन ने कई सिफारिशें की हैं। एनटीएजीआई के अनुसार वैक्सीन के 2 टीके के बीच के अंतराल को 12 से 16 सप्ताह तक बढ़ाया जाना चाहिए। कोरोना संक्रमित होने वाले व्यक्ति को ठीक होने के छह महीने के बाद टीका लगाना चाहिए।

एनटीएजीआई ने यह भी सुझाव दिया कि गर्भवती महिलाओं को किसी भी कोरोना वैक्सीन के साथ टीका लगाया जा सकता है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रसव के बाद किसी भी समय टीका लगाया जा सकता है। साथ ही एनटीएजीआई ने यह भी कहा कि संक्रमित लोगों को ठीक होने के 6 महीने बाद तक कोरोना टीकाकरण से बचना चाहिए।

एनटीएजीआई की सिफारिश से पहले डॉक्टरों ने सलाह दी कि ठीक होने के 3 महीने बाद कोरोना के टीके लगाए जाएं। सीडीसी यूएस गाइडलाइन यह भी सिफारिश करती है कि वैक्सीन को कोरोना रिकवरी के 90 दिन बाद दिया जाए, जिसमें कोई बदलाव न हो। वहीं एनटीएजीआई ने कोविशिल्ड के 2 टीके के बीच 12 से 16 सप्ताह के अंतराल की सिफारिश की है। वर्तमान में कोविशील्ड के 2 टीके के बीच का अंतराल 4 से 8 सप्ताह है। पैनल द्वारा कोवसिन के लिए टीके अंतराल में कोई बदलाव नहीं सुझाया गया था।

नए अध्ययन का दावा है कि अगर कोरोना वैक्सीन की दूसरा टीका देरी से लगाया जाता है, तो यह कोविड -19 संक्रमण के कारण होने वाली मौतों की संख्या को कम कर देगा। यह 65 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिए कहा जाता है।

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