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सूरत कपड़ा बाजार की खस्ताहाल स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन ? हुआ मंथन

सूरत। सिल्क सिटी के नाम से पूरे देश में मशहूर सूरत का कपड़ा बाजार की खस्ताहाल पर अब व्यापारी मुखर होने लगे है। फिर से सूरत कपड़ा बाजार के पुराने सुनहरे दिन वापस लाने के लिए और पेमेंट समस्या और कपड़ा उद्योग से जुड़े सभी घटकों से तालमेल बिठाने के लिए संस्थाए सक्रिय हो गई है। इसी कड़ी में आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत बोर्ड रूम में मंगलवार 7 नवंबर को ट्रेडर्स और आकाश के बोर्ड मेम्बर्स के बीच व्यापार हित में चर्चा हुई। चर्चा के बाद इस बात पर सभी की सहमति बनी कि किसी भी एजेंट या आढतियां का पैसा बाकी है और वह एजेंट बदल कर व्यापार करने का प्रयास करता है तो उसको यहां का सप्लायर कपड़ा नहीं देगा। और ना ही दूसरा एजेंट काम कर सकेगा जब तक उसका हिसाब चुकता करके पुराने एजेंट या आढतियां से एनओसी नहीं लेगा। पहले एजेंट का पैसा चुकता होने पर ही दूसरा एजेंट बदल सकेगा।

सब मिलकर मजबूती से आगे बढ़ेंगे तभी हम व्यापार में सुधार कर सकेंगे : प्रल्हाद अग्रवाल

आढ़तिया कपड़ा एसोसिएशन सूरत के अध्यक्ष प्रल्हाद अग्रवाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सूरत के व्यापार के सुधारने में एक अच्छा माहौल बनाएं। सब मिलकर मजबूती से आगे बढ़ेंगे तब ही हम व्यापार में सुधार कर अच्छे भविष्य की कल्पना कर सकते हैं। सूरत के विभिन्न मार्केट के सप्लायरो ने भीसहमति प्रदान की। सभी आढ़तिया कपडा एसोसिएशन, सूरत ने बैठक कर निर्णय लिया कि कोई सप्लायर किसी व्यापारी को जिस आढ़तिया या एजेंट के माध्यम से व्यापार आरम्भ किये हों उन्हीं आढ़तिया एजेंट के माध्यम से भविष्य में व्यापार करने में विश्वास रखें। जिस व्यापारी को किसी सप्लायर से जोड़ने का काम जो आढ़तिया या एजेंट करते हैं, उसी व्यापारी को किसी दूसरे एजेंट या आढ़तिया के जरिये व्यापार करने का काम नहीं हो।व्यापार सुधार की कोई समस्या आती है तो समस्या के निराकरण के लिए आढ़तिया कपडा एसोसिएशन सूरत सजग भूमिका का निर्वहन करेगा।

आपसी तालमेल से होगा समस्या का समाधान : सुनील जैन

साउथ गुजरात टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील जैन ने आकाश की पहल की सराहना की और आश्वाशन दिया कि हम सब आपके साथ हैं। साथ ही उन्होंने आढ़तिया और ट्रेडर्स के बीच आपसी तालमेल पर जोर देते हुए कहा कि बनाए गए नियमों का पालन करना ही व्यापार हित में होगा। व्यापार की हर समस्या का समाधान आपसी तालमेल से हल हो सकता है।

रेफरेंस देख कर व्यापार करना आसान होगा : सचिन अग्रवाल

साउथ गुजरात टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री सचिन अग्रवाल ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा एक ऐप बनाई है जिससे जरिये व्यापारी के व्यवहार पर रेटिंग दी जा सकती है। जिससे हमें रेफरेंस देख कर व्यापार करना आसान होगा। इस ऐप से समस्या और स्वस्थ व्यापार के लिए काफी हद तक रास्ता मिलेगा।

कपड़ा अग्रणियों ने रखी अपनी राय

मिलेनियम 1 के कमलेश जैन ने रजिस्टर्ड एजेंट या आढ़तिया से ही व्यापार करने पर जोर दिया। एसएमए के महेश पाटोदिया ने सप्लायर से कहा कि किसी पुराने एजेंट का पैसा बाकी है तो नए एजेंट के थ्रू कपड़ा नहीं जाना चाहिए जब तक पुराना क्लियर ना हो। मिलेनियम 2 के संजय भाई ने कहा कि खरीदार और एजेंट की केवाईसी लिए बगैर माल नहीं देना चाहिए। राजेंद्र मिलेनियम 2 ने सुझाव दिया कि व्यापारी की लिमिट बनाकर काम करना चाहिए।

आशीर्वाद मार्केट के अशोक बजारी कहना था की आढ़तिया और एजेंट को एक नजर से देखना चाहिए। महाराजा टेक्सटाइल ने अपनी आपबीती बताते हुए बताया कि विक्रेता और एजेंट लूप होल का फायदा उठाते हैं जिससे बाकी बहुत बढ़ जाती है। घनश्याम बंसल ने कहा कि एक व्यापारी आज कई एजेंट से काम करता है। किसी भी एक एजेंट का अगर वह पैसा नहीं चुकाता है तो सभी एजेंट को उसका सहयोग कर पैसा दिलाना चाहिए और जब तक कपड़ा नहीं भेजना चाहिए जब तक की उसका हिसाब ना हो।

एजेंट और ट्रेडर्स दोनों की रकम सुरक्षिता के लिए बने फार्मूला

प्रदीप केजरीवाल ने जोर दिया की कोई ऐसा फार्मूला बनाना चाहिए जिससे एजेंट और ट्रेडर्स दोनों की रकम सुरक्षित रहे। मिलेनियम मार्केट के शशि अग्रवाल, एम माखनिया सिंथेटिक के प्रेम अग्रवाल ने भी अच्छा और स्वस्थ व्यापार पर जोर दिया।
खंडेलवाल टेक्सटाइल के दिनेश खंडेलवाल ने कहा कि हम अभी नहीं सुधरे तो फिर सूरत को संभालना मुश्किल होगा।

अंत में सबकी राय जानकर यह भी विचार बना कुछ ऐसी नियमावली बने जो सूरत के व्यापार के फिर से अच्छे दिन आए। अंत में एक बात स्पष्ट रूप से उभर कर आई कि अगर किसी को कपड़े का व्यापार करना है तो सूरत बगैर उसका काम नहीं चलता फिर भी सूरत की ऐसी स्थिति बनी है क्यों?

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