हाल ही में असम सरकार ने सूरत में बनने वाली पॉलिएस्टर मेखला साड़ी पर अचानक प्रतिबंध लगा दिया है। पिछले 20 से 25 सालों से मेखला साड़ी सूरत में तैयार कर असम भेजी जाती है। यह सूरत के व्यापारियों और असम के व्यापारियों के बीच सदियों पुराना व्यापार है।
इस अचानक प्रतिबंध के कारण सूरत में उत्पादित करीब 150 करोड़ रुपये की साड़ियां, 150 करोड़ करने, 100 करोड़ की बाकी रकम और इन प्रोसेस स्टॉक बुनकर व्यापारियों और यार्न निर्माताओं के पास पड़ा है। इस तरह कुल 500 करोड़ रुपये की पूंजी अटक गई है।
असम सरकार के अचानक इस तरह के फैसले से प्रभावित लोगों की हालत गंभीर हो गई है।
फोगवा अध्यक्ष अशोकभाई जीरावाला के नेतृत्व में आज बुनकरों, व्यापारियों और यार्न निर्माताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने और आवश्यक कदमों पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई।
इस बैठक में एकत्रित हुए प्रभावित बुनकरों, व्यापारियों और यार्न उत्पादकों के बीच हुई चर्चा के अंत में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि प्रभावित बुनकरों, व्यापारियों और यार्न उत्पादकों को असम सरकार द्वारा अचानक इस तरह के नियंत्रण के इस निर्णय की निंदा की है। आर्थिक वैश्वीकरण के युग में इस तरह के प्रतिबंध राज्यों के बीच लगाए गए हैं ।
इसके प्रभाव का अध्ययन करने और आवश्यक जानकारी एकत्र करने के बाद केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश और नवसारी के सांसद और गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी.आर पाटिल को इस समस्या के तत्काल समाधान के लिए आवेदन पत्र दिया जाएगा। यदि आवश्यक हुआ तो इस संबंध में केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल से गुहार लगाई जाएगी।