
स्त्रियों को पति की आज्ञाकारिणी बनना चाहिए : भरत किशोर महाराज
सूरत। श्री मेवाड़ माहेश्वरी समाज एवं श्री माहेश्वरी सत्संग समिति सूरत द्वारा माहेश्वरी सेवा सदन आई माता रोड परवत पाटिया सूरत में आयोजित शिव महापुराण कथा के पांचवें दिन शुक्रवार को भरत किशोर महाराज ने बताया कि मैना रानी द्वारा माता पार्वती को पतिव्रत धर्म की शिक्षा देने के लिए ब्राह्मणों को बुलाकर उनसे पतिव्रत धर्म का उपदेश दिलाया गया। स्त्रियों को सदैव अपने पति को प्रसन्न रखने का प्रयास करना चाहिए। स्त्रियां भगवान की पूजा इत्यादि न भी करे, मात्र अपने पति को संतुष्ट रखती है और पति की आज्ञा का पालन करती है तो भगवान की पूजा के बराबर मान्य है।
सती अनसूया आदि तीन सतियों का माता पार्वती को दृष्टांत दिया। माता पार्वती तो सारे जगत की माता है, परन्तु मां पार्वती के माध्यम से सारे जगत की स्त्रियों को मैना रानी ने संदेश दिया कि पति की आज्ञाकारिणी बनना चाहिए। मां पार्वती स्नान करने गई तो पुत्र गणेश को आज्ञा देकर गई कि किसी को भी प्रवेश मत होने देना, पर जब शिवजी आये तो गणेशजी ने उन्हें रोक दिया तो शिवजी ने गणेशजी का सिरच्छेद कर दिया। इस पर मां भगवती रुष्ट हो गई और शक्तियों को उत्पन्न कर प्रलय ला दिया। ऋषियों ने बहुत निवेदन किया तो शिव की आज्ञा से हाथी का सिर लगाया गया और देवताओं में सबसे पहले गणेशजी की पूजा होगी ऐसा वरदान प्रदान दिया गया।
गणेशजी और कार्तिकेय में से कौन पृथ्वी के पहले चक्र लगाकर आएगा उसकी शादी पहले की जाएगी। कार्तिकेय पृथ्वी का चक्र लगाने निकल पड़े और गणेशजी ने शिवजी और पार्वती जी के चारों ओर चक्र लगा दिया और कहा कि मेरा तो पृथ्वी का चक्र माता पिता के चक्र लगा ने से ही पूरा हो गया और गणेशजी की शादी कर दी गयी|| फिर पुज्य महाराज जी ने भगवान शंकर के दो ज्योतिर्लिंग सोमनाथ एवं मल्लिकार्जुन की कथा का श्रवण कराया जिसका श्रवण सभी भक्तो ने बडे श्रद्धा और भाव से किया।