गठानो का वजन अधिकमत 65 किलोग्राम करने की मांग के साथ मजदूर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतरे
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सूरत कड़ोदरा रोड पर वांकानेडा तथा अंतरौली गांव में ग्रे कपड़ो की गठानों के कई ट्रांसपोर्ट गोदाम स्थित हैं इन ट्रांसपोर्ट गोदामों में मालेगांव, भिवंडी सहित देश के कई अन्य शहरों से ग्रे कपड़े की गठाने आती हैं। इन गोदामों में हमाली करने वाले मजदूर गठान का वजन अधिकतम 65 किलोग्राम करने की मांग के साथ बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतर गए हैं। गौरतलब हो कि सूरत जिला टेक्सटाइल मार्केटिंग ट्रांसपोर्ट लेबर यूनियन, फोस्टा तथा ट्रांसपोर्ट एसोसिशन द्वारा सर्वसहमति से पार्सल का वजन अधिकतम 65 किलोग्राम निर्धारित किया गया हैं जिसका पालन गत 01 सितंबर से शुरू हो गया हैं।
मजदूर यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा व महासचिव देव प्रकाश पांडे ने बताया की गठान गोदामों में मजदूरों का भयंकर रूप से शोषण किया जा रहा हैं और उनसे 120 किलोग्राम से लेकर 150 किलोग्राम तक का अत्यधिक वजन उठवाया जा रहा हैं जो की घोर अमानवीय कृत्य हैं यह तत्काल बंद होना चाहिए। इसको लेकर कुछ दिनों पूर्व ट्रांसपोर्ट संचालकों को यूनियन द्वारा दो बार पत्र भेजा गया था तथा इस संबंध में सूरत जिला के उपश्रम आयुक्त व जिला उद्योगिक सुरक्षा एवम् स्वास्थ निदेशक को भी पत्र भेजकर इस अमानवीय कृत्य को बंद करने का अनुरोध किया गया था बावजूद इसके गठानों का वजन कम नहीं हुआ जिसके कारण मजदूर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए विवश हुए हैं।
मजदूर यूनियन के प्रवक्ता शान खान ने बताया कि मजदूरों से अत्यधिक वजन उठवाना मानवाधिकार अधिनियम का उलंघन हैं इसके अलावा कारखाना अधिनियम की धारा-34 तथा गुजरात दुकान एवम् स्थापना अधिनियम की धारा-11 कहती हैं की मजदूरों से अत्यधिक वजन नहीं उठवाया जा सकता जिसके चलते उनके स्वास्थ पर विपरीत प्रभाव पड़े या कोई दुर्घटना होने की संभावना बने। ऐसे में गठान मजदूरों की हड़ताल मांग पूरी न होने तक जारी रहेगी यदि कोई ट्रांसपोर्टर, गोदाम संचालक या व्यापारी मजदूरों को डरा धमका कर या दबाव बनाकर जबरन विधिविरुद्ध श्रम करने के लिए विवश करेगा तो यूनियन द्वारा उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा संख्या-146 के तहत निकटमत पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
इस अवसर पर मजदूर यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा, महासचिव देव प्रकाश पांडे, प्रवक्ता शान खान, उपाध्यक्ष दीपचंद पांडे, अग्रणी पप्पू मिश्रा, बब्बन मिश्रा समेत बड़ी संख्या में मजदूरों ने एकत्रित होकर नारेबाजी कर अपनी मांग की आवाज बुलंद की।