सूरत

विश्व महिला दिवस के अवसर पर सूरत सिविल अस्पताल में 70 महिलाओ को किया गया सम्मानित

महिला पत्रकारों, पुलिस अधिकारियों, दाइयों और नर्सों, कर्मचारियों और मिल्क दाता महिलाओं का सम्मान

8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सूरत के न्यू सिविल हॉस्पिटल के पीएसएम डिपार्टमेंट हॉल में नर्सिंग एसोसिएशन द्वारा आयोजित महिलाओ का सम्मान समारोह में 70 महिलाओ का सम्मान किया गया। पुलिस आयुक्त अजय कुमार तोमर, नर्मद विश्वविद्यालय के कुलपति केएन चावड़ा और सांसद सीआर पाटिल की धर्मपत्नी गंगाबेन पाटिल, महिला पत्रकार, पुलिस अधिकारी, डिलीवरी परिचारिका और नर्स, कर्मचारी और मिल्क दाता महिलाएं, कैंसर रोगियों की काउंसलिंग करने वाली महिला कार्यकर्ता, लैब. वहीं एक्स-रे टेक्नीशियन, सफाईकर्मी, समाजसेवियों जैसे 70 नारीरत्नों को सम्मानित किया गया। श्रीमती गंगाबेन पाटिल को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

इस मौके पर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि महिलाएं कर्तव्यपरायण, आज्ञाकारी, सेवा कार्यों में सफल होती हैं, इसलिए हर सफल पुरुष के पीछे एक महिला का हाथ होता है। लेकिन पुरुषों को भी महिलाओं के प्रति कर्तव्य और जिम्मेदारी निभाने की जरूरत है। यदि स्त्री गुणवान है तो प्रत्येक पुरुष में समान गुण होने चाहिए, अन्यथा पुरुष पूर्ण नहीं है। साथ ही, एक महिला एक महिला के रूप में पूर्ण नहीं है यदि उसमें अच्छे गुण, विचार नहीं हैं। अत: यदि स्त्री और पुरुष दोनों में अच्छे गुण होंगे तो एक  सभ्य समाज का निर्माण होगा।

उन्होंने कहा कि शहर में स्पा की आड़ में चल रहे वेश्यालय का शहर के युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिससे निपटने के लिए महिला शक्ति का एक बड़ा उदाहरण है, क्राइम ब्रांच डीसीपी रूपल सोलंकी नेतृत्व में इनवेगेटिव यूनिट फोर क्राइम अगेंस्ट वूमन के (आईयूसीएडब्ल्यू) के एसीपी श्वेता डेनियल, महिला प्रकोष्ठ एसीपी के. मिनी जोसेफ और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के एसीपी बिशाखा जैन को केस सौंपा गया है, जो कर्तव्यनिष्ठा से ड्यूटी कर रहे हैं।

इस मौके पर नर्मद विश्वविद्यालय के कुलपति श्री केएन चावड़ा ने कहा कि जब नारी शक्ति हर क्षेत्र में अपनी जगह बना रही है तो महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना जरूरी है। एक महिला के पास ऊर्जा का एक अटूट भंडार होता है। उन्होंने महिलाओं से आत्मनिर्भर बनने और समाज व राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनने का अनुरोध किया।

इस मौके पर श्रीमती गंगाबेन पाटिल ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों का सम्मान हो रहा है और हर क्षेत्र में अधिकारों की पूर्ति हो रही है। महिलाएं पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर अपने कर्तव्य को पूरा कर नारीगौरव का एक बड़ा उदाहरण पेश कर रही हैं। सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं जिसके परिणामस्वरूप महिलाएं राजनीति में पुरुषों के बराबर हैं, महिलाओं की चुनौतियों का सामना करने की ताकत के कारण आज पुलिस विभाग में बड़ी संख्या में महिलाएं काम कर रही हैं।

गुजरात नर्सिंग काउंसिल के उपाध्यक्ष इकबाल कडीवाला ने कहा, यह कोई सम्मान समारोह नहीं है, बल्कि सामाजिक क्षेत्र में अपना बहुमूल्य समय देकर सेवा कार्य करने वाली बहनों को बढ़ावा देने का कार्यक्रम है। नारी सम्मान कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 1994 में केवल 24 महिलाओं के सम्मान और 18 श्रोताओं की उपस्थिति से की गई थी। समाज सेवी महिलाओं के सहयोग से शुरू हुए इस कार्यक्रम में अब तक 3000 से अधिक महिलाओं को सम्मानित किया जा चुका है।

इस मौके पर मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. रितुभरा मेहता, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गणेश गोवेकर, आर.एम.ओ. डॉ. केतन नायक, नर्सिंग अधीक्षक डॉ. कांताबेन पटेल, सरकारी नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. इंद्रावती राव, क्राइम ब्रांच की डीसीपी रूपल सोलंकी, टीबी विभाग की प्रमुख डॉ. पारुल वडगामा और हेड नर्स, स्टाफ नर्स सहित स्थानीय नर्सिंग असो. टीम के सदस्य मौजूद थे।

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