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सूरत : व्यापारी पेमेंट नए नीति नियम को लागू नहीं करेंगे तो मिलें बंद हो जाएगी : जीतेन्द्र वखारिया

साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन प्रमुख ने कपड़ा व्यापारियों से साधा संवाद

शहर के मााहेश्वरी भवन बोर्ड रूम सिटीलाइट के प्रांगण में कपड़ा व्यापारियों का संगठन सूरत मर्कन्टाइल एसोसिएशन के प्रमु नरेंद्र साबू व उनकी पूरी पंच पैनल एवं कोर कमेटी की टीम की अगुवाई में साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन प्रमुख जीतेन्द्र वखारिया के साथ बैठक हुई। जिसमें बड़ी संख्या में व्यापारियों ने हिस्सा लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रोसेसर्स एसोसिएशन द्वारा निकाला गया परिपत्र था, जिसमें प्रोसेसर्स एसोसिएशन द्वारा तुरंत प्रभाव से मिलों द्वारा व्यापारियों से पेमेंट लेने की धारा में कपड़ा व्यापारियों से बिना विचार विर्मश किए गए परिवर्तन लागू कर दिया है। जिसको लेकर व्यापारी वर्ग खफा है। साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन प्रमुख जीतेन्द्र वखारिया को व्यापारियों ने अपनी समस्याओं से तथा परिपत्र से पैदा हुए असंतो@ से प्रोसेसर्स एसोसिएशन को अवगत कराया।

साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन प्रमुख जीतेन्द्र वखारिया ने बताया कि मार्केट में जो सीधे तौरपर उनसे जुड़े नहीं ऐसे लोग व्यापारियों को गलत तरिके से उकसा रहे है। मिल मालिकों ने व्यापारियों ने उद्योग की स्थिति देखकर जॉब चार्ज में कोई भाव बढ़ोत्तरी नहीं की है। व्यापारी और मिल मालिकों का एकदूजे से संबंध पुराने है। अगर कोई मिल मालिक व्यापारियों को ज्यादा डिस्काउंट देता है तो एसोसिएशन को कोई आपत्ति नहीं हो सकती। वैश्विक लेवल पर इकोनोमिक स्लोडाउन का असर सूरत के कपड़ा उद्योग पर पड़ा है। ऐसी स्थिति में व्यापारी, मिल मालिक, यार्न डिलर वीवर्स हर व्यापारियों में पेमेंट के नियम बनाने पड़ेंगे। केमिकल, डाइज, इंटर, मीडियेट, लिग्नाइट के व्यापारी मिल मालिकों से एडवांस पेमेंट मांग रहे है। 30 दिन में पेमेंट का प्रावधान किया जा रहा है। ऐसे में अगर मिल मालिकों को व्यापारी 30 दिनों में पेमेंट नहीं चुकाएंगे तो मिल बंद हो जाएगी।

दिवाली के बाद सूरत के टेक्सटाइल क्लस्टर में 8 मिले बंद पड़ी है। व्यापारियों को नीति नियमों में सख्त होना पड़ेगा। चाहे कम व्यापार हो लेकिन पेमेंट सुरक्षा के साथ होना चाहिए। व्यापारी है तो मिल है और मिल है तो व्यापारी है। अभी तक 60 दिन की, 6 महिने की क्रेडिट पर भी काम हुए अब उसके मुताबिक कोई काम करने जाएगा तो यूनिट को ताला लगाना पड़ेगा। इसलिए प्रोसेसर्स एसोसिएशन को 30 से 60 दिन में पेमेंट होगा तो 2 प्रतिशत ब्याज चुकाना पड़ेगा। 60 दिन के बाद पेमेंट नहीं आएगा तो मिल मालिकों की एरिया वाइज बनी कमेटी व्यापारियों को पेमेंट के बारे में समझाने जाएगी।

कपड़ा व्यापारियों एवं प्रोसेसर्स के बीच संघर्ष की संभावनाएं

इस बीच सूरत मर्कंटाइल एसोसियेशन् जिसके 35000 सदस्य हैं उन्होंने भी अपनी तरफ़ से एक नई रणनीति की घोषणा का आवाहन किया है कि मिल प्रोसेसर्स द्वारा आए दिन नित नए नीति नियमों को तुरंत प्रभाव से लागू करने से कपड़ा व्यापारी त्रस्त हैं अतः इन समस्याओं का यदि त्वरित सकारात्मक समाधान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में कपड़ा व्यापारियों एवं प्रोसेसर्स के बीच संघर्ष की संभावनाऐं साफ़ नज़र आ रही हैं। लेकिन जीतू भाई वखारियाने सभी व्यापारी भाईयों से अनुरोध किया कि हम मिल वालों ने अपनी मीटिंग करके यह निर्णय लिया है और हम व्यापारी वर्ग से चाहते हैं वह इसका सम्मान करें।

कपड़ा एसोसिएशन को विश्वास में लेना चाहिए था : नरेंद्र साबू

एसएमए प्रमुख नरेंद्र साबू ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कोई भी ऐसी समस्या नहीं है जिसका बैठकर सकारात्मक समाधान नहीं हो सकता हो। अतः कोई भी निर्णय लेने से पहले उन्हें कपड़ा एसोसिएशन को विश्वास में लेना चाहिए था। आज टेक्सटाइल ट्रेडर्स और प्रोसेसर्स एक दूसरे के पूरक घटक हैं, दोनों पक्ष एक दूसरे के बैगर अधूरे है तो आपस में सहमति बनाकर बातचीत की जा सकती है। इसमें एसोसिएशन के फरमान की आवश्यकता नहीं थी। कोई भी ऐसी समस्या नहीं है जिसका बातचीत के द्वारा हल नहीं निकल सकता हो।

बैठक में इनकी रही उपस्थिति

इस मिटिंग में एसएमए के अशोक गोयल, आत्माराम जी बजारी, सुरेन्द्र अग्रवाल, महेश पाटोडिया ,राजकुमार चिरानिया,दुर्गेश टिबडेवाल, अमित तापडिया, मनोज अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, केवल हसीजा, अरविंद जैन,संजय अग्रवाल,दीपक अग्रवाल, रामकिशोर बजाज, राजेश गुरनानी,विजय कोटरीवाल आदि सदस्यों के साथ विमला प्रिंट वाले राकेश भाई, M S सिंथेटिक्स वाले किशन भाई, मरुधर केसरी वाले हंसराज जैन, अनिल जी बाफना अभिषेक मार्केट से सभी व्यापारियों ने मीटिंग में चर्चा के दौरान हिस्सा लिया तथा व्यापारी के पक्ष को मजबूती से रखा। फिलहाल मिटिंग में कोई भी आश्वासन के बैगर समापन हुआ।

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