धर्म- समाज

गौ रक्षा से ही राष्ट्र रक्षा संभव : साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी

गौ के सान्निध्य से जीवन में हमेशा बनी रहती है गतिशीलता

सूरत। शहर के परवत पाटिया के श्री माहेश्वरी सेवा सदन में सूरत गौ सेवा समिति के तत्वावधान में श्री गौ संवर्धन पर पांच दिवसीय गौ कृपा कथा का विशाल आयोजन किया गया है। जिसकी शुरूआत गुरूवार सुबह साढ़े नौ बजे से डुंभाल हनुमान मंदिर से श्री माहेश्वरी सेवा सदन तक कलश व तुलसी यात्रा निकाली गई। जिसमें बड़ी तादाद में महिलाएं सिर पर कलश धारण कर एक जैसे साड़ी पहनकर यात्रा में शामिल हुई।

कथा में साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी जी ने स्वतंत्रता दिन के पावन अवसर पर कहा कि पुण्यवान व्यक्ति ही भारत भूमि पर जन्म लेते है। केवल शारीरिक स्वतंत्रता, स्वतंत्रता नहीं है। मुख्य स्वतंत्रता तो मानसिक स्वतंत्रता है, जो हमें अभी प्राप्त हुई नहीं है। जिस दिन मानसिक स्वतंत्र हो जाए, तो समझ लेना उस दिन जो आनंद आएंगा उसकी हम परिकल्पना भी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि राष्ट्र भक्त वह है जो राष्ट्र की एक- एक वस्तु से प्रेम करता हो। जो राष्ट्र भक्त नहीं वह रामभक्त नहीं हो सकता। धर्म से भी बड़ा राष्ट्र है। सौभाग्यशाली होते है जो राष्ट्र पर मर मिटते है। गौ रक्षा से ही राष्ट्र रक्षा संभव है।

कथा के दूसरे दिन शुक्रवार को साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी जी ने गौ माता की महानता का वर्णन करते हुए कहा कि गौ शब्द के कई अर्थ होते है, गौ का मतलब केवल गाय माता नहीं होता, गौ का मतलब इंद्रियां भी होती है। शास्त्रों में कई जगह इंद्रियों को गौ नाम से पुकारा गया है। गौ शब्द का जो मूल शब्द का अर्थ होता है वह है गतिशील। जिसका जीवन गौ के सान्निध्य में होता है, उसके जीवन में हमेशा गतिशीलता बनी रहती है। पृथ्वी को भी गौ नाम से पुकारा गया है। धरती माता और गौ माता में काफी समानता है।कथा में गजानंद राठी,दीनदयाल मोहता,सुरेश चांडक,रमेश चांडक,किशन राठी,जगदीश कोठारी,लालसिंह राजपुरोहित,पवन चांडक सहित काफी संख्या में भक्त उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button