सूरत

सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए डीएनए वेलनेस सूरत में लेकर आया नई तकनीक

कंपनी ने 'CERViSure' लैब शुरू की है जो अत्यधिक सटीक और सर्वाइकल कैंसर की सटीक जांच देती है, जिससे महिलाओं को शुरूआत के लक्षणों को पहचानने और उन्हें सशक्त बनाने में मदद करती है।

सूरत, 16 दिसंबर, 2024: भारत में महिलाओं में कैंसर से संबंधित मौतों का एक प्रमुख कारण सर्वाइकल कैंसर है, नेशनल कैंसर रजिस्ट्री रिपोर्ट 2023 के आंकड़ों के अनुसार, अकेले गुजरात में 2023 में सर्वाइकल कैंसर से संबंधित कम से कम 17,000 मामले और 1,800 मौतें दर्ज की गई हैं। दुनिया भर के डॉक्टरों ने सर्वाइकल कैंसर का जल्द पता लगाने पर जोर दिया है। इसी के अनुरूप, डीएनए वेलनेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (डीएनए वेलनेस) अपने इनोवेशन के माध्यम से सूरत और दक्षिण गुजरात क्षेत्र की लाखों महिलाओं को सशक्त बनाएगा।

सूरत में सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए उपयोग होने वाल टेस्टिंग लैब ‘CERViSure’ के शुभारंभ के साथ, डीएनए वेलनेस ने सोमवार को गुजरात के मार्केट में अपने विस्तार की घोषणा की। CERViSure लैब डीएनए प्लोइडी टेस्ट का प्रस्ताव रखेगी जो कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया कैंसर रिसर्च एजेंसी द्वारा विकसित एक डायग्नोस्टिक टूल है, जिसके एक्सक्लूसिव राइट्स हाल ही में डीएनए वेलनेस द्वारा हासिल किए गए हैं। CERViSure ब्रांड नाम के तहत मार्केटिंग किया जाने वाला यह टेस्ट सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने का एक शीघ्र, सटीक और नॉन-इनवेसिव मेथड है, जो इस प्रकार के कैंसर का पता दो साल पहले ही लगा सकता है।

नई शुरू की गई लैब सूरत में एल.पी. सवानी रोड पर यूनिवर्सल ट्रेड सेंटर में स्थित है। यह लैब केंद्रीय रूप से स्थित है और इसमें CERViSure टेस्ट करने के लिए मॉडर्न टेक्नोलॉजी और हाइ क्वालिफाइड स्टाफ होंगे। अहमदाबाद, वडोदरा और राजकोट के बाद, सूरत को दक्षिण गुजरात क्षेत्र की रोगी आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए चुना गया है। यह लैबोरेटरी प्रतिदिन लगभग 200 टेस्ट करने के लिए पूरी तरह योग्य है, जिससे एक महीने में लगभग 5,000 टेस्ट किए जा सकेंगे।

सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने में एक बड़ी सफलता, CERViSure टेस्ट पारंपरिक तरीकों से लगभग दो साल पहले कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने में मदद कर सकता है। यह टेस्ट 100% स्पेशलिटी और 98% सेंसेटिविटी के साथ और पूरी सटीकता के साथ आता है। 20 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं के लिए CERViSure टेस्ट की सिफारिश कम से कम तीन साल में एक बार की जाती है।

यह टेस्ट विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए नॉन-इवेसिव ब्रश का उपयोग करके सर्विक्स से म्यूकोसल सैंपल इकट्ठा करके किया जाता है। फिर सैंपल को एआई-बैक्ड सॉफ़्टवेयर के साथ प्रोसेस और एनालाइज किया जाता है, जो हाई एक्यूरेसी इंश्योर करने के लिए 50 मिलियन से अधिक रोगी सैंपल के डेटाबेस के साथ टेस्ट के परिणामों की तुलना करता है।

CERViSure के लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए, डीएनए वेलनेस के सह-संस्थापक, पथिक भंडारी ने कहा , “डीएनए प्लोइडी टेस्ट की अनूठी तकनीक को भारत में लाना, सर्वाइकल कैंसर फ्री भारत के हमारे सपने को साकार करने की दिशा में हमारा पहला कदम है। यह भारत भर में महिलाओं को शुरुआती पहचान तक पहुँच प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाएगा, जिससे प्रभावित रोगियों की जीवित रहने की दर में सुधार होगा। गुजरात के अपने होम मार्केट से शुरुआत करते हुए, हम CERViSure की पहुंच बढ़ाने के लिए पूरे भारत में अपनी लैबोरेटरी स्थापित करेंगे।”

आगे बढ़ते हुए, डीएनए वेलनेस ने 2027 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे भारत में लगभग 100 समर्पित CERViSure लैब्स स्थापित करने की योजना बनाई है। यह अस्पतालों, क्लीनिकों और डॉक्टरों के साथ मिलकर डीएनए प्लोइडी टेस्ट तक पहुँच का विस्तार करने की योजना बना रहा है, जिसका लक्ष्य इसे पूरे देश में उपलब्ध कराना है।

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. हितेंद्र आयरे ने कहा, “सर्वाइकल कैंसर भारत में महिलाओं में सबसे अधिक प्रचलित कैंसर में से एक है, फिर भी यह सबसे अधिक रोकथाम योग्य कैंसर में से एक है। जीवन बचाने के लिए किसी भी बीमारी की शुरुआती लक्षणों की पहचान महत्वपूर्ण है, और CERViSure पहल के हिस्से के रूप में डीएनए प्लोइडी टेस्ट की शुरुआत एक महत्वपूर्ण प्रगति है। इसकी हाई सेंसेटिविटी और स्पेशलिटी के साथ, यह टेस्ट हमें सर्वाइकल कैंसर में विकसित होने से बहुत पहले ही कैंसर से पहले के परिवर्तनों का पता लगाने में सक्षम बनाता है, जिससे महिलाओं को समय पर इसके उपचार और इसके रोकथाम का मौका मिल जाता है जिससे वे अपने जीवन को बचा सकती है।

सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाले सबसे आम कारकों में लंबे समय तक चलने वाला एचपीवी संक्रमण शामिल है, खासकर वीक इम्यून सिस्टम, मोटापा, धूम्रपान, गर्भनिरोधक दवाओं का उपयोग और कई बच्चों को जन्म देना ये सारे कारण शामिल है। जबकि चिकित्सा विशेषज्ञ बेहतर रोकथाम के लिए एचपीवी टीकाकरण की जोरदार वकालत करते हैं, सर्वाइकल कैंसर की नियमित जांच हर महिला के लिए जरूरी है। टीकाकरण निश्चित रूप से सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है, लेकिन यह नियमित जांच की आवश्यकता को समाप्त नहीं करता है, जिसकी सिफारिश चिकित्सकों द्वारा की जाती है।

डॉ. आयरे ने कहा, “जैसा कि हम सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हैं, ऐसे इनोवेटिव रिजल्ट को बेहतर बनाने और हमें एक ऐसे भविष्य के करीब ले जाने में एक लंबा रास्ता तय करते हैं, जहाँ किसी भी महिला को इस बीमारी का सामना बिना जांच के नहीं करना पड़ेगा,”।CERViSure एक एडवांस्ड स्क्रीनिंग ऑप्शन है प्रदान करके इसका समाधान करता है जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में कैंसर संबंधी परिवर्तनों को पहले और अधिक सटीक रूप से पहचान सकता है। प्रचलित स्क्रीनिंग मैकेनिज्म में पीएपी स्मीयर (जिनकी संवेदनशीलता 40-55% के बीच होती है) और एचपीवी डीएनए टेस्ट शामिल हैं, जो केवल कुछ प्रकार के एचपीवी संक्रमण की पता लगाता है – जो हाई सर्वाइकल कैंसर के जोखिम का संकेत जैसा है, लेकिन कैंसर कोशिकाओं की उपस्थितिको नहीं पहचान पाता है।

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