सूरत : पी.पी. सवाणी परिवार 111 पितृहीन बेटियों का सामूहिक विवाह आयोजित करेगा
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल सहित मंत्री, गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे
सूरत। पी.पी. सवाणी परिवार हर साल की भांति इस साल भी उन बेटियों का सामूहिक विवाह करेगा, जिन्होंने अपने पिता का छत्र खो दिया है। 14-15 दिसंबर को मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल सहित मंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में 111 पितृहीन बेटियों का सामूहिक विवाह अब्रामा के पीपी सवानी चैतन्य विद्यासंकुल में ‘पियरियु’ थीम पर आयोजित किया जाएगा। पिछले 13 सालों से बिना पिता की बेटियों से शादी करके नहीं बल्कि पिता के तौर पर सारी जिम्मेदारियां निभाकर महेशभाई सवाणी कुल 5274 बेटियों के पिता बन चुके हैं। पी.पी.सवानी के सेवायज्ञ से कई लोगों को प्रेरणा मिली है।
पीपी सवाणी ग्रुप के महेशभाई सवाणी ने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी न केवल शादी, बल्कि समाज सेवा की भावना के साथ ‘पियरियु’ के नाम से अब्रामा में आयोजित होने वाले विवाह उत्सव को लेकर भी ‘पर्यावरण और अंगदान जागरूकता’ का आयोजन किया जाएगा। 14 व 15 को शाम 5 बजे तख्तियों से समाज को प्रेरित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प से ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत 50 हजार मेहमानों को तुलसी के पौधे भेंट किये जायेंगे।
जिन बेटियों ने अपने पिता का छत्र खोया है, वे अपने हजारों बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और शादी की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए महेश सवानी ने कहा, पियरियु के विवाह समारोह में गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल और उत्तर प्रदेश की बेटियां शामिल हैं। दो मूक-बधिर और दो दिव्यांग लड़कियां हैं, दो मुस्लिम हैं और अलग-अलग 39 जातियों की लड़कियां फेरा लेगी। शादी से पहले सभी 111 बेटियों को पिता की गर्मजोशी जैसे भावुक उपहार बांटे गए हैं। 111 लड़कियों में से 90% लड़कियों के न तो पिता हैं और न ही कोई भाई। बेटियों के चयन के लिए कई मानक हैं, जिसमें वह बेटी प्राथमिक है जिसके पिता नहीं हैं, उसके बाद जिस बेटी का भाई नहीं है उसे प्राथमिकता दी जाती है।
गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में मिलेगी जगह
विपुल तलाविया ने बताया कि पियरियु शादी के प्रतिष्ठित गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल होने की पूरी संभावना है। एक अकेले पिता यानी महेशभाई सवानी का नाम 5274 बेटियों के अकेले पिता के रूप में दर्ज किया जाएगा। एक ही समय में एक ही कार्यक्रम में सामाजिक संदेश के साथ 50,000 तुलसी के पौधे वितरित करने का एक नया रिकॉर्ड बनेगा। तो 370 फीट लंबा तोरण भी शादी समारोह में सबसे लंबा होने वाला है। इन तीनों रिकॉर्ड के लिए गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम 14 तारीख को मौजूद रहेगी और सर्टिफिकेट देगी।
बेटी-दामाद की पूजा
हर वर्ष कन्या पूजन होता है, इस वर्ष भी लेकिन इसमें नए आयाम जुड़ गए हैं। विवाह मंडप में, दुल्हन बनने वाली बेटी की पूजा उसकी सास द्वारा की जाएगी, जबकि परिवार में बेटे का स्वागत करने के लिए दामाद की पूजा उसकी सास द्वारा की जाएगी। यह आरती अनोखी होगी और शायद पहली बार होगी जब बहू और दामाद की आरती उसकी सास उतारेगी।
बेटियाँ और माताएँ पारिवारिक भावना को फलने-फूलने के लिए यात्रा
शादी के बाद बेटे-बहू इस साल कुल्लू मनाली और मां यानी वेवन के साथ अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज और स्वामीनारायण की छपैया की धार्मिक यात्रा पर जाएंगे। पी.पी. सवाणी परिवार यात्रा का खर्च सावनी परिवार उठाएगा।