
युवकों ने गोगुन्दा की नाबालिग से किया दुष्कर्म, चार माह की हुई गर्भवती
उदयपुर (कांतिलाल मांडोत) । उदयपुर जिले के गोगुन्दा कस्बे में एक नाबालिग लडक़ी से पिछले तीन वर्ष से दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। बच्ची को डरा धमका कर उसके साथ यौन शोषण किया जा रहा था। गोगुन्दा के रहने वाले दो युवको ने एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है। तीन वर्ष से बार बार ब्लात्कार करने की वजह से बालिका को गर्भ ठहर गया। बालिका चार महीने की गर्भवती बताई जा रही है। बालिका की माता ने गोगुन्दा थाना में दुष्कर्म की रिपोर्ट पेश की है। गोगुन्दा पुलिस ने मामला दर्ज कर दुष्कर्मियों की तलाश तेज कर दी है।
गोगुन्दा थानाधिकारी प्रवीणसिंह सिसोदिया ने बताया कि गोगुन्दा तहसील के गांव में एक महिला ने अपने पुत्री के साथ बार बार तीन वर्ष तक दुष्कर्म करने और उसको गर्भवती बनाए जाने पर दो युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। महिला ने पुलिस को दी प्राथमिकी में कहा गया है कि उसके पति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे। महिला के पति का आकस्मिक निधन होने के बाद उसकी पुत्री की उस पद पर नियुक्ति की गई। चतुर्थ श्रेणी पद पर सुबह से शाम तक अपना फर्ज निभाती है।
महिला की चार पुत्रिया है। जिसमे से तीन पुत्रियों की शादी हो चुकी है। उसमें दुष्कर्म पीडि़ता सबसे छोटी लडक़ी है। अकेली रहती लडक़ी की अचानक तबियत बिगडऩे की वजह से पीडि़ता की माता अस्पताल जांच के लिए लेकर गई। उस समय अस्पताल प्रशासन ने बच्ची चार महीने की गर्भवती होने की बात कही। उसकी माता ने उससे पूछताछ कि तो उसने बताया कि गांव के रहने वाले मांगीलाल पिता रूपलाल मेघवाल व दीपक पिता पूरन नंगारची पिछले दो से तीन वर्षों से बालिका से धमकी देकर बलात्कार कर रहे थे और किसी को बताया तो जान से मारने की धमकी देते थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर पुलिस टीम गठित कर दोनों की तलाश तेज कर दी है। गौरतलब है कि देश मे कोर्ट ने फांसी पर लटकाने के आदेश दे दिया है, लेकिन अभी भी बलात्कार की घटना बदस्तूर जारी है।
आखिर हमारे देश में यौन हिंसा जैसे अपराध होते ही क्यों है? दुष्कर्म करने वाले तो फांसी पर या उम्रकैद की सजा भुगतते ही है, लेकिन जिसके साथ उसके मर्जी के खिलाफ या धमकी से दुष्कर्म किया गया है। वह तिल तिल कर मरती है। वो कभी उस अतीत को भुला नही पाती है। युवाओ को संयम की शिक्षा देनी चाहिए। धर्मगुरु और सत्संग का जीवन मे अभाव होने के कारण समाज मे घिनोने कृत्य बढ़ रहे है। हमारा समाज शिक्षित और प्रगतिशील होने के बावजूद यौन उत्पीडऩ सभ्य समाज के लिए काला कलंक है। युवाओं को कानून की जानकारी नही होती है। इसलिए ऐसी हरकत कर बैठते है।