
सूरत। टेक्सटाइल मालिकों को साड़ी, ड्रेस या कुर्ती बनाने में जितनी मेहनत नहीं करनी पड़ती थी, उतनी उन्हें मुंबई से एक अच्छा मॉडल ढूंढकर कैटलॉग बनाकर प्रेज़ेंट करने में करनी पड़ती थी। लेकिन अब AI के आने से यह टेंशन खत्म हो गई है। ChatGPT Go और Gemini Banana जैसे AI टूल्स अब इंडिया में कुछ समय के लिए फ्री होने से उनसे बेस्ट काम कैसे पाएं, यह जानने, समझने और सीखने की होड़ मची हुई है। इसके साथ ही, Zoho जैसे कई देसी AI टूल्स भी पॉपुलर होने लगे हैं।
स्मार्ट सिटी सूरत नई टेक्नोलॉजी अपनाने में देश में सबसे आगे है। अब टेक्सटाइल इंडस्ट्री के मालिकों को कैटलॉग बनाने के लिए मुंबई या दिल्ली जाने की ज़रूरत नहीं है—जेनरेटिव AI की मदद से, प्रीमियम कैटलॉग, वीडियो और डिज़ाइन बस कुछ ही क्लिक में तैयार हो जाते हैं। इतना ही नहीं, हाउसवाइव्स भी अब टीवी पर कुकिंग शो नहीं देख रही हैं, बल्कि वे AI से स्टेप-बाय-स्टेप गाइडेंस लेकर नई रेसिपी बना रही हैं, यह कहकर कि “ChatGPT, आज मुझे पनीर लवाबदार बनाना है…!”! यह सब एक ही वर्कशॉप – “AI इन एक्शन – 8 डेज़ एक्शन टेकिंग वर्कशॉप” में सिखाया गया, जिसे द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) ने नानपुरा में समृद्धि बिल्डिंग में सफलतापूर्वक ऑर्गनाइज़ किया था।
AI कम्युनिकेशन कोच मिस्टर भीखकुमार वघासिया ने बहुत आसान भाषा में AI का प्रैक्टिकल इस्तेमाल सिखाया
इस 8-दिन की वर्कशॉप में, जो हर दिन सुबह 8:00 बजे से 9:30 बजे तक चली, जाने-माने AI कम्युनिकेशन कोच मिस्टर भीखकुमार वघासिया ने बहुत आसान भाषा में AI का प्रैक्टिकल इस्तेमाल सिखाया। उन्होंने बिज़नेस में AI के प्रैक्टिकल इस्तेमाल, डिजिटल मार्केटिंग ऑटोमेशन, कंटेंट क्रिएशन और वीडियो एडिटिंग में जेनरेटिव AI के साथ-साथ प्रोडक्टिविटी बढ़ाने की टेक्नीक भी सिखाईं। इस वर्कशॉप में टेक्सटाइल इंडस्ट्री के बिज़नेस ओनर्स, डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल्स, स्टार्टअप फाउंडर्स, हाउसवाइव्स, फूड मैन्युफैक्चरर्स, कोच और ट्रेनर्स समेत कई सेगमेंट्स के लोग शामिल हुए।
पहले मुंबई में एक मॉडल बुक करने में हमें 5-75 हज़ार का खर्च आता था
एक टेक्सटाइल ट्रेडर ने कहा, “पहले मुंबई में एक मॉडल बुक करने में हमें 5-75 हज़ार का खर्च आता था। आज, हम AI से सिर्फ़ 10 मिनट में और भी खूबसूरत कैटलॉग बनाते हैं, वो भी बहुत कम कीमत पर। यह सच में एक गेम चेंजर है!”
इस सेशन में हिस्सा लेने वाली एक हाउसवाइफ ने मुस्कुराते हुए कहा, “अब मेरे पास एक पर्सनल मास्टरशेफ है – ChatGPT! सारी रेसिपी गुजराती में मिलती हैं, वो भी मेरे घर में मौजूद इंग्रीडिएंट्स के हिसाब से। अब हमारे घर में हर किसी को हर दिन कुछ नया खाने को मिलता है।”
सेशन के दौरान, पार्टिसिपेंट्स ने सीखा कि ChatGPT और Gemini से बेस्ट आउटपुट कैसे पाएं, AI एजेंट्स कैसे बनाएं, और AI का इस्तेमाल करके पिच डेक, लोगो, वीडियो रील्स, मार्केटिंग प्लान्स और बिज़नेस प्रेजेंटेशन्स, और नामों के साथ पर्सनलाइज़्ड बर्थडे सॉन्ग्स कैसे बनाएं। SGCCI के इस प्रयास से पूरा सूरत AI क्रांति को व्यावहारिक स्तर पर अपना रहा है—और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि AI अब केवल एक तकनीक नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी की जरूरत बन रहा है।



