धर्म- समाज

मारवाड़ियों के गौरव में अभिवृद्धि हेतु समर्पित है अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन

सूरत ( गणपत भन्साली )। कभी-कभी कुछ यात्राएं अविस्मरणीय बन जाती है। व उन यात्राओं की यादें स्मृतिपटल पर अंकित हो जाती है। गत 2 मई को सूरत से कोलकोता के लिए प्रस्थान किया, जहां से मुझे व मेरे स्नेही  सुरेन्द्र मरोठी को 5 मई को सिलीगुड़ी के मर्यादा मैत्री रिसॉर्ट पर आयोजित महावीर इंटरनेशनल अपेक्स की गवर्निग काउंसिल मीटिंग में भाग लेना था। सिलीगुड़ी में द्विदिवसीय प्रवास के अंतर्गत एक दिवसीय मीटिंग अटेंड कर हम दोनों पुनः कोलकोता पहुंचे।

कोलकोता में हमारा पड़ाव हिंदुस्तान क्लब में था। अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की गुजरात प्रदेश इकाई का उपाध्यक्ष होने के नाते व हमारे गुजरात प्रदेश अध्यक्ष श्री गोकुलचंद जी बजाज के निर्देशानुसार मुझे 6 मई को दोपहर में 3 बजे कोलकोता के शेक्सपियर सरणी स्थित डक हाउस के 4th फ्लोर पर अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के केंद्रीय कार्यालय पहुंचना था। AIMF के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार  लोहिया का ये बड़प्पन ही था कि वे स्वंय कार ड्राइव कर मुझे लेने हिंदुस्तान क्लब पहुंचे। हालांकि लोहिया जी से में सम्भवत कुछ वर्षों पूर्व कोलकोता में ABMF के फाउंडर डे के कार्यक्रम में मिला भी हूंगा, लेकिन ये स्पष्ट नही है। कार में बैठते ही  लोहिया जी से संवाद प्रारम्भ हुआ व कुछ ही मिनिटों में हम डक हाउस पहुंच गए।

ABMF के केंद्रीय कार्यालय में पहुंचते ही ऐसा लगा कि मानों में किसी कॉरपरेट हाउस में एंट्री कर रहा हूँ। प्रशासनिक ऑफिस में पहुंचा जहां लोहिया जी ने अपना स्थान ग्रहण किया व उन्होंने समीप के कक्ष में मोजूद AIMF के राष्ट्रीय सेक्रेटरी  कैलाशपति तोदी व  रतन फोगला व इसी संगठन के अन्य पदाधिकारियों से परिचय कराया। इसी बीच संगठन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष  संतोष जी सराफ भी पहुंच गए। संगठन के पदाधिकारियों ने शॉल व खेस से हमारा सम्मान किया। केंद्रीय कार्यालय में मौजूद सभी से संगठन से जुड़ी गतिविधियों पर चर्चा हुई व संगठन का गुजरात मे विस्तार हो यह मन्तव्य प्रकट किया गया।

संगठन के अध्यक्ष  शिवकुमार लोहिया मुझे कॉन्फ्रेंस हाल बताने लेकर आए जहां व्यापक व्यवस्था नजर आई व दीवाल पर उन सभी पूर्व अध्यक्षों की तस्वीरें मेरा ध्यान आकृष्ट कर रही थी, ये वो तस्वीरें है जो महज फोटो युक्त कांच के फ्रेम नही थे, इन तस्वीरों में उनके पुरुषार्थ का अद्वितीय, अनुपम व अनूठा आभामंडल झलक रहा था, इन परम् पुरुषार्थियों के चेहरों पर तेज प्रतिबिम्बित हो रहा था। इन दूरदर्शी व्यक्तित्वों न बल्कि इस गौरवशाली संस्था का सशक्त नेतृत्व किया अपितु देश की इकोनॉमी की अभिवृद्धि में बहुत बड़ा योगदान भी दिया है। इन शख्शियतों पर न बल्कि कोलकोता या बंगाल पूर्व ईस्ट अपितु सम्पूर्ण देशवासी गौरव करते हैं। इन महानुभावों ने मारवाड़ी समुदाय का मान-सम्मान व यश तथा गौरव बढ़ाया है।

अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के नेतृत्वकर्ताओं में जिन उद्योगपतियों, समाजसेवियों, भामाशाओं, दानदाताओं, परोपकारियों का समावेश है। इन हस्तियों में कुछ व्यक्तित्व अब इस जगत में नही रहे, अगर हैं तो उनकी उपलब्धि पूर्ण स्मृतियां व कुछ पूर्व पदाधिकारियों के मार्गदर्शन में संस्था विकास के पथ पर अग्रसर है। जो पूर्व अध्यक्ष इस नश्वर संसार को छोड़ अलविदा हो गए उनमें स्व: श्री ईश्वरदास जालान, स्व:  रामदास चोखानी, स्व:  पदमपति सिंघानिया, स्व: बद्री प्रसाद गोयनका, स्व: आनंदीलाल पोद्दार, स्व: रामगोपाल मोहता, स्व : बृजलाल बियानी, स्व:  गोविंद दास मालपानी, स्व: गजाधर सोमानी, स्व:  रामेश्वर लाल टांटिया, स्व:  भंवरलाल सिंघी, स्व: मेजर  रामप्रसाद पोद्दार, स्व: नंदकिशोर जालान, स्व:  हरिशंकर सिंघानिया, स्व:  रामकृष्णा सरावगी, स्व:  मोहनलाल तुलस्यान का समावेश है।

वर्तमान में जिन पूर्व व वर्तमान पदाधिकारियों का संगठन को सिंचन मिल रहा हैं, व इस सिंचन से संस्था पुष्पित व पल्लवित हो रही है उनमें  सीताराम शर्मा, नन्दलाल रूंगटा, डॉ श्री हरिप्रसाद कनोडिया,  रामावतार पोद्दार, प्रल्हाद राय अगरवाला,  संतोष सराफ,  गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया, व वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिवकुमार लोहिया आदि शामिल है व वे संगठन का गौरव बढ़ा भी रहे है। केंद्रीय कार्यालय में वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष  शिवकुमार लोहिया ने हमें कर्मचारियों का कक्ष का भी मुआयना कराया जहां संगठन द्वारा प्रकाशित मुखपत्र “समाज विकास पत्रिका” की सम्पादकीय टीम भी मौजूद थी।

इसी बीच मेरे स्नेही व महावीर इंटरनेशनल के इंटरनेशनल डायरेक्ट व उनके साला जी पंकज जी भी मारवाड़ी सम्मेलन के कार्यालय पहुंच गए। अगर हम अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की स्थापना से लेकर वर्तमान दौर का विश्लेषण करें तो मारवाड़ी सम्मेलन के संस्थापक व अतीत से लेकर वर्तमान के नेतृत्वकर्ता अनेक गौरवशाली लम्हों के साक्षी रहे हैं, सम्मेलन के रजत जयंती, स्वर्ण जयंती, हीरक जयंती, कौस्तुभ जयंती व स्थापना दिवस व विभिन्न प्रसंगों पर अनेक गणमान्यों ने अपनी गौरवमयी उपस्थिति दर्ज करा कर संगठन का असीम सम्मान बढ़ाया हैं।

इन महानुभवों में पश्चिम बंगाल के द्वितीय मुख्यमंत्री डॉ विधानचंद्र रॉय, तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, डॉ शंकरदयाल शर्मा, श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटील, श्री प्रणव मुखर्जी, रामनाथ कोविंद, द्रोपदी मुर्मू (बतौर झारखंड राज्यपाल) उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ (बतौर प, बंगाल राज्यपाल) लोकसभा स्पीकर श्री ओम बिड़ला एंव राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिबंश नारायण सिंह आदि नेता शामिल है। ये उल्लेखनीय है कि अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की स्थापना वर्ष 1935 में विशेष उद्देश्यों को लेकर हुई थी। ये वो दौर था जब गौरे अंग्रेजों की गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने हेतु भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ रहे थे।

हर किसी के मन से इस गुलामी से मुक्त होने की छटपटाहट थी। लेकिन इसे विडम्बना कहें कि नियति की समाज विभक्त था व दो खेमों में बंटा हुआ था, सनातनी व सुधारवादियों के दो धड़े नजर आ रहे थे। कहने को सभी मारवाड़ी थे लेकिन कोई अग्रवाल, तो कोई माहेश्वरी तो कोई ओसवाल, तो कोई खंडेलवाल, विजयवर्गीय, ब्राह्मण, क्षत्रिय आदि छोटे-बड़े समुदाय व संगठन अलग-अलग रूप में दिखलाई दे रहे थे तो समन्वय व आपसी सामंजस्यता के उद्देश्य से अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन का विधिवत गठन किया गया ताकि देश-विदेश के कौने-कौने में बसे तमाम मारवाड़ी एक छत्र के नीचे एकत्रित हो सकें। वैसे इस संगठन का गठन सामाजिक सुरक्षा, समाज सुधार व राष्ट्रीय एकता जैसे बिंदुओं के मद्देनजर किया गया था।

इस संगठन द्वारा देश-विदेश में बसे जरूरतमंद मारवाड़ियों के लिए शिक्षा व चिकित्सा हेतु आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया जाता हैं। इस संगठन के राष्ट्रीय व प्रांतीय अधिवेशन भी आयोजित होते रहते हैं। गुजरात प्रान्त के प्रादेशिक अधिवेशन आगामी 31 अगस्त व 1 सितम्बर को सिल्क सिटी सूरत में आयोजित होगा। इस अधिवेशन को सफलता के मुकाम तक पहुंचाने हेतु AIMF के गुजरात प्रांतीय अध्यक्ष गोकुल चंद  बजाज व महासचिव CA  राहुल अग्रवाल व सम्पूर्ण टीम समर्पित भाव से जुट गई है।

बहरहाल अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के केंद्रीय कार्यालय में शीर्ष पदाधिकारियों से हुई भेंट अविस्मरणीय रही व इस संगठन की कार्यप्रणाली को विस्तार से जानने का सुअवसर मिला। मेरा मानना है कि देश- विदेश में बसे मारवाड़ियों को इस गौरववशाली संगठन से अवश्य जुड़ना चाहिए। में पुनः अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिवकुमार जी लोहिया व सेक्रेटरी श्री कैलाशपति जी तोदी व पूर्व अध्यक्ष श्री संतोष जी सराफ व श्री रतन जी फोगला अन्य पदाधिकारियों के प्रति ह्र्दयपूर्वक आभार प्रकट करता हूँ।

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