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ग्रामीणों को टीकाकरण के लिए लाना बड़ी चुनौती, जागरूकता के प्रयास से उदयपुर के गोगुंदा में टीकाकरण अभियान सफल

उदयपुर (कांतिलाल मांडोत) जहा कोरोना संक्रमण के प्रयास को नियंत्रित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।वही 45 वर्ष के ग्रामीणों को टीकाकरण के लिए लाना चिकित्सा कर्मचारियों के लिए एक चुनौती बन गई है।कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।गांवो में अफवाह फैली हुई थी कि कोरोना की वैक्सीन लोगो के लिए उपयुक्त नही है।लेंकिन यह मात्र अफ़वाह साबित हुई है।

राज्य सहित उदयपुर जिले के गांवो में टीकाकरण की धीमी रफ्तार ही सही लेकिन गोगुन्दा ब्लोक के चिकित्सा अधिकारियों के मेहनत और घर घर सर्वे से वैक्सीन के प्रति लोगो मे विश्वास संपादित हुआ है।उदयपुर जिले की करदा पंचायत की आदिवासी महिला को डोर टू डोर अभियान के तहत वैक्सीन के लिए एएनएम ने आग्रह किया तो वो वृद्ध महिला अधिकारियों को लकड़ी से पीटने के लिए पीछे दौड़ी।यह किसी ने टीके के बारे में महिला को भ्रमित किया था।लेकिन चिकित्सा अधिकारी और कार्मिक गोगुंदा में घर घर जाकर टीकाकरण के लिए लोगो को प्रोत्साहित के लिए आगे आए तो गोगुंदा में टीकाकरण का अभियान भी सफल हो गया।युवा
टीम ने अपनी ही भाषा मे ग्रामीणों को समझाया गया और लोगो को टीके के संबंध में फैली गैर समझ को दूर किया।उसका परिणाम अच्छा निकला।गोगुन्दा ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी ओपी रायपुरिया ने अपने बूते और मीडिया के माध्यम से टीकाकरण के लिए आग्रह किया ।उसका नतीजा यह निकला कि आज गोगुंदा में चार जगह टीकाकरण अभियान चलाया गया।उसमे सफलता हासिल हुई है।45 प्लस के लोगो ने बढ़चढ़ कर आगे आकर टीके लगवाए।दो दिन के टीकाकरण शिविर में गोगुन्दा में दो बजे तक चले शिविर में 700 टीके,सायरा 600,पदराडा 500 और नान्देशमा में 300 टीके लगाए गए।टीकाकरण में एक भी वैक्सीन नष्ट नही हुई।टीकाकरण अभियान में हिस्सा लेने और गांवो से केंद्र तक आने वाले लोगो का डॉ ओपी रायपुरिया ने आभार व्यक्त किया है।चिकित्सा टीम का सहयोग और लोगो को जागृत करने और चिकित्सा टीम पर विश्वास करने के लिए चिकित्सा अधिकारियों ने आभार व्यक्त किया है।

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