प्रादेशिक

रीट परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के संबंध में राजीव गांधी स्टडी सर्किल के पदाधिकारियों की भूमिका की जांच कराने की मांग

राज्य में उच्च शिक्षा तन्त्र की बिगड़ती स्थिति पर संज्ञान लें राज्यपाल

उदयपुर ( कांतिलाल मांडोत )। राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने राज्य में उच्च शिक्षा तंत्र में निरन्तर बिगड़ती स्थितियों और बढ़ती हुयी अराजकता पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की है।

इस संबंध में राज्यपाल को पत्र लिखकर संगठन के महामंत्री डॉ सुशील कुमार बिस्सू ने बताया है कि राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) 2021 के सम्पादन में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार के जो समाचार निरन्तर प्राप्त हो रहे हैं, उससे शिक्षा तन्त्र और शासन की गरिमा तार तार हुयी है। इस कदाचार में राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े लोगों के लिप्त होने के समाचार आ रहे हैं।

राज्य के अधिकांश जिलों में इस संस्था से जुड़े शिक्षकों को रीट परीक्षा के आयोजन में प्रमुख जिम्मेदारियां दी गई। जिसमें वरिष्ठता आदि अन्य मापदंडों की बिल्कुल अनदेखी की गई। सरकार में पदस्थ कुछ व्यक्तियों के संरक्षण के कारण परीक्षा की शुचिता को नियमों से परे जाकर खंड-खंड किया गया।

निजी व्यक्तियों को बड़ी मात्रा में ऑब्जर्वर बनाया गया, परीक्षा केंद्र पर ही कार्यरत शिक्षक ऑब्जर्वर बनाए गए, मनमाने ढंग से परीक्षा केंद्र तय किए गए तथा परीक्षा आयोजन के प्रोटोकॉल को कई अवसरों पर तोड़ा गया । संगठन की आशंका है कि यदि इस संबंध में विस्तृत एवं निष्पक्ष जांच की जाए तो कई गड़बड़ियां सामने आएगीं ।

महामंत्री डॉ सुशील कुमार बिस्सू ने बिगत तीन वर्ष से उच्च शिक्षा विभाग की बिगड़ती स्थितियों के उदाहरण देते हुए बताया है कि राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों को एक‌ विचारधारा विशेष से सम्बद्ध होना बताकर पिछले तीन वर्षों में चुन-चुन कर दूरस्थ केन्द्रों पर स्थानान्तरित किया गया‌। शिक्षकों के स्थानान्तरण में न केवल आर्थिक भ्रष्टाचार हुआ अपितु राजकीय महाविद्यालयों में जबरदस्त भय का माहौल बनाया गया।

इन मामलों में राजीव गांधी स्टडी सर्किल नाम की संस्था से जुड़े पदाधिकारियों, उच्च शिक्षा विभाग एवं एक अन्य विभाग के मंत्री और कार्यालय के नाम प्रमुखता से चर्चा में रहे। संगठन ने यह विषय मीडिया और सरकार के समक्ष भी समय-समय पर उठाए लेकिन दुर्भाग्य से सरकार का संरक्षण उच्च शिक्षा विभाग में पदस्थ तथा अनिमितताओं के लिए जिम्मेदार लोगों के साथ ही रहा।

राजीव गांधी स्टडी सर्किल के बैनर तले उच्च शिक्षा के शिक्षकों को खुलेआम बसों में भरकर गैर शैक्षणिक राजनीतिक रैलियों में ले जाया गया तथा राजकीय मंचों पर खुलकर केंद्र सरकार के खिलाफ नियम विरुद्ध अमर्यादित बयान बाजी की गई जिससे शिक्षकीय गरिमा दुष्प्रभावित हुयी।

राजकीय महाविद्यालयों की तरह ही विश्वविद्यालयों में भी अनेक अनिमितताएं हुई हैं। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति ओम थानवी की नियुक्ति में यूजीसी विनियम की उपेक्षा की गयी। पत्रकारिता विश्वविद्यालय में नियुक्ति प्रक्रिया की शुचिता के लिए राज्यपाल को हस्तक्षेप करना पड़ा है, लेकिन विश्वविद्यालयों में राजनीतिक दृष्टि से प्रभावी व्यक्तियों का पूरा हस्तक्षेप बना हुआ है जिससे उच्च शिक्षा के नियम और उच्च शैक्षिक परम्पराएं खण्डित हो रहीं हैं।

संगठन के अध्यक्ष डॉ दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि राज्यपाल से राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आ रही गिरावट को दूर करने के लिए अपनी महती संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए उचित कार्रवाई करने तथा राजस्थान के शिक्षा-क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की जाँच करवाकर शिक्षकों की गरिमा व उनके सम्मान को पुनर्स्थापित करने की मांग की गई है।

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