
टेक्सटाइल और डायमंड सिटी के नाम से मशहूर सूरत शहर अब दानवीरों की भूमि के नाम से भी जाना जाता है। सूरत में बसे लोग अपने सामाजिक दायित्व को बखूबी निभाते है। देश में विपदा का समय हो, किसी जरूरतमंद की मदद करनी हो तब वे सबसे आगे रहते है। सूरत के एक बिजनेसमैन ने कैंसर से गंवायी अपनी बेटी के याद में समाज प्रेरक अनोखा कार्य किया।
यश्वी फाउंडेशन चेरिटेबल ट्रस्ट ने सर्वजातिय समूह विवाह का पाल गौरव पथ पर आयोजन किया गया। जिसमें बिना माता – पिता की 51 बेटियों की शादी करवाई। यश्वी फाउंडेशन चेरिटेबल ट्रस्ट के स्थापक परेश खंडेलवाल ने बताया कि पिछले साल 20 बेटियों की और इस वर्ष 51 बेटियों का समूह विवाह करने का अवसर मिला है।
शादी में दिया घरेलु सामग्री और तोहफे
51 बेटियों को शादी में चांदी की चेन, चांदी का ब्रेसलेट, मंगलसूत्र, अंगुठी, सोने की नाक की नथनी, पंचधातू के गणेश भगवान की मूर्ति, टीवी, फ्रिज, हेल्मेट और बर्तन मिलाकर 15 से ज्यादा चीजें दी गई।
पहलगाम के मृतकों को दी श्रद्धांजलि
पहलगाम आतंकी हमले के मृतकों को समूह विवाह में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इसके अलावा यश्वी फाउंडेशन ने 51 नवयुगलों को हेलमेट भी दिया गया।