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वयोवृद्ध साहित्यकार सूर्यभानु गुप्त के घर जाकर डॉ वागीश सारस्वत ने दिया सम्मान

मुंबई। वरिष्ठ साहित्यकार सूर्यभानु गुप्त को वाग्धारा जीवन गौरव सम्मान से रविवार की शाम दादर पूर्व स्थित मनकू मेंशन स्थित उनके आवास पर एक सादा समारोह में विभूषित किया गया। वाग्धारा के अध्यक्ष व महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के महासचिव डॉ वागीश सारस्वत ने सूर्यभानु गुप्त को वाग्धारा की विशेष ट्रॉफी, स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र, शॉल व श्रीफल देकर सम्मानित किया।

वाग्धारा सम्मान चयन समिति के सदस्य , वरिष्ठ पत्रकार विमल मिश्र, लेखक मनोज गोयल, कास्टिंग डायरेक्टर राजेश गौतम आदि गणमान्य अवसर पर मौजूद थे। 83 वर्षीय वरिष्ठ साहित्यकार सूर्यभानु गुप्त ने कहा कि सरकार को उन लोगों के लिए इच्छा मृत्यु की इजाज़त देने का कानूनी प्रावधान करना चाहिए जो शरीर से अशक्त हो गए हैं और जीने के तमाम जरूरी संसाधन समाप्त हो गए हैं। इस अवसर पर उन्होंने फिल्मकार वेद राही और लेखक जावेद अख्तर से जुड़े अनेक संस्मरण सुनाए और अपनी सुप्रसिद्ध नज्म सुनाकर संदेश दिया –

“शाम के वक़्त कभी घर में अकेले न रहो
किसी महफिल, किसी जलसे, किसी मेले में रहो
शाम जब आए किसी भीड़ के रेले में रहो
शाम को भूले से मत आओ कभी हाथ अपने
ख़ुद को उलझाए किसी ऐसे झमेले में रहो”

गौरतलब है कि गत 4 मई को मुंबई में एक भव्य समारोह में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के करकमलों से वाग्धारा सम्मान प्रदान किए गए थे। अस्वस्थता के कारण सूर्यभानु गुप्त इस समारोह में शामिल नहीं हो सके थे इस लिए उनके आवास पर जाकर वाग्धारा जीवन गौरव सम्मान प्रदान किया गया।

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