उदयपुर जिले के गोगुन्दा मुख्यालय में बाल श्रम एवं कोरोना की तीसरी लहर को लेकर दिए प्रभावी निर्देश
उदयपुर (कांतिलाल मांडोत) बाल मजदूरी और शोषण की निरन्तर मौजूदगी से बच्चों के जीवन पर दीर्धकालीन और अल्पकालिक दुष्परिणाम पड़ रहा है।शिक्षा से वंचित बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास अवरुद्ध करता है।बाल तस्करी भी बाल मजदूरी से ही जुड़ी है।यह एक अपराध है।इस दूषण को दूर करने के लिए हमे मिलकर प्रयास करना होगा।बच्चों के शारीरिक ,मानसिकता और भावनात्मक के उत्पीड़न से बचाना होगा।बच्चे देश का भविष्य है।बाल मजदूरी एकीकृत दृष्टिकोण से रोका जा सकता है।
इस विषय को लेकर उदयपुर दौरे पर आई राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने जिले के गोगुन्दा मुख्यालय पहुँच कर प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित किया।अपने संबोधन में उन्होंने बाल अपराध और बाल श्रम पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए बाल तस्करी रोकने के लिए प्रभावी दिशा निर्देश दिए।बेनीवाल ने स्वयं सेवी संगठनों, पुलिस विभाग आदि के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की गई। आदिवासी क्षेत्रों मे हो रही बाल तस्करी को रोकने के लिए उचित निर्देश दिया।
बच्चों के जीवन पर कोरोना महामारी का दुष्प्रभाव और खतरा बताते हुए अस्पतालो में पूर्व में तैयारी करने का निर्देश दिया। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर बच्चों पर खतरे को लेकर बेनीवाल ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि संभावित खतरे को लेकर हमे पूर्व में सभी तैयारी कर लेनी चाहिए।अस्पतालो में पूर्व तैयारियों का विस्तार से फीडबैक लिया।बैठक में आयोग के सदस्य डॉ शैलेन्द्र पंड्या क्षेत्र में हो रही बाल तस्करी पर अंकुश लगाने की बात पर जोर दिया।उदयपुर सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष ध्रुवकुमार कविया ,जिग्नेशकुमार,सहायक बाल अधिकारी मीना शर्मा ,उपखण्ड अधिकारी नीलम लखारा,विकास अधिकारी जितेन्द्रसिंह राजावत,डीवाईएसपी प्रेम धनदे,गोगुन्दा चिकित्सा अधिकारी ओपी रायपुरिया,महिला एवं बाल विकास अधिकारी पुष्पा दशोरा आदि उपस्थित रहे।