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सायरा के पुनावली गांव में भरा मेला, क्षेत्र के आदिवासियो सहित दूर दूर से उमड़ा हुजूम

उदयपुर ( कांतिलाल मांडोत)। गोगुन्दा तहसील के सायरा पंचायत समिति के पुनावली गांव में होली के अवसर पर हर वर्ष मेले का आयोजन होता है। क्षेत्र के आदिवासियों का हुजूम उमड़ पड़ा।पुनावली के इस पारम्परिक मेले को देखने क्षेत्र के हर गांवो से आकर लोगो ने मेले में लुफ्त उठाया।

चमकीले रंग बेरंगी वस्त्र एवं पारम्परिक वेशभूषा के साथ पहाड़ी रास्तों से पैदल चलकर और वाहन के माध्यम से मेले में शरीक हुए। मेलार्थियों ने खरीदी भी की। गोगुन्दा में गणगौर का लगने वाला मेला जबरदस्त होता है।

दो साल से कोरोना की वजह से मेले को निरस्त किया गया। इस वर्ष परम्परागत मेले का आयोजन किया जाएगा। समीपवर्ती तरपाल का मेला भी लगता है। इस मेले को देखने दूर दूर से लोंग आते है। मेले में उदयपुर और पाली से व्यापारी दुकानें सजाते है।

सायरा क्षेत्र स्थित पदमनाथ भगवान का मेला लगता है । हर वर्ष लोगो का हुजूम उमड़ता है। क्षेत्र में सनआधुनिकता की झलक भी देखने को मिली है। मोबाइल फोन पर पर चलती उंगलियों और स्मार्ट फोन के दीवाने हर एक युवा मेले में दिखे और फोटो वीडियो बनाकर अपने दोस्तो को शेयर करते नजर आए। मोबाइल पर थिरकती उंगलियां उनके आधुनिकता का परिचय दे रही है।

हर एक व्यक्ति मेले का लुफ्त उठाते हुए हर चीज वस्तुओं को निहाल कर खरीदी करने की होड़ सी लगी है। मेले का ग्रामीण बेसब्री से इंतजार करते है ।मेला ही हरेक व्यक्तियों के लिए मनोरंजन होता है। पुराने समय से मेले की परंपरा चली आ रही है। मेले का आयोजन चीज वस्तुओं का व्यापार करने के उद्देश्य के लिए लगते है।

यह मनोरंजन का उत्तम उदाहरण है। मेले की रौनक हर एक व्यक्ति को भा जाती है। मन बहलाव का एक उत्तम तरीका है। जिसमे सारे गम भूल की पारम्परिक वेशभूषा और उनके सामाजिक रीति रिवाजों से हर व्यक्ति रूबरू होता है।

गोगुंदा का लगने वाला मेला एक तरह से विशिष्ट और मेवाड़ की शान है।मेले का लुफ्त उठाने के लिए दूर दराज के लोग आते है। आगामी दिनों मे मेले का सिलसिला यू ही चलता रहेगा।सायरा पुलिस ने बंदोबस्त के लिए पेट्रोलिंग की और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था दी।

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