सूरत शहर में खाड़ी बाढ़ बाद अब तापी नदी ने रौद्र स्वरूप धारण करने से निचले क्षेत्र में जलजमाव की स्थिति बन गई है। तापी नदी में उकाई बांध से लगभग 2.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण तापी नदी के जल स्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। मनपा ने स्थिति से निपटने के लिए एहतियात के तौर पर सभी फ्लडगेट बंद कर दिए हैं। जिसके चलते शहर के रांदेर जोन के जहांगीरपुरा, सेंट्रल जोन के धास्तीपुरा और कतारगाम जोन के कादरशा की नाल समेत कतारगाम जोन में वेडरोड पर गटर बाढ़ की समस्या पैदा हुई है। उधर, उकाई बांध से पानी छोड़े जाने के बाद सूरत महानगरपालिका भी तापी नदी के बहाव वाले इलाकों में लगातार निगरानी कर रहा है।
शहर में बारिश थमने से मिली राहत
मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच सूरत शहर में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश के बीच आज बारिश के अवकाश लेने से शहरवासियों ने राहत की सांस ली। आज सुबह से सूरत शहर-जिले के अधिकांश इलाकों में छिटपुट बारिश दर्ज हुई है। जिसमें से सेंट्रल जोन में 14 मिमी, कतारगाम जोन में 10 मिमी और अन्य जोन इलाकों में 5 से 9 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा चोर्यासी में 15 मिमी और कामरेज में 13 मिमी बारिश को छोड़कर सभी तहसीलों में बारिश थम गई है। उकाई बांध के उपरी क्षेत्र में पिछले चार दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बांध का स्तर 335 फीट को पार कर गया है। उकाई बांध के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण बांध में फिलहाल 2.15 लाख क्यूसेक जल आय दर्ज की गई। जिसके चलते उकाई बांध प्रशासन द्वारा बांध का स्तर बनाए रखने के लिए 2.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके चलते पिछले दो दिनों से तापी नदी ने एक बार फिर रौद्र रूप धारण कर लिया है।
तापी नदी के जलस्तर पर मनपा द्वारा कड़ी निगरानी
उकाई बांध से वर्तमान में छोड़े जा रहे 2.50 लाख क्यूसेक पानी के कारण तापी नदी के लगातार बढ़ते स्तर पर मनपा द्वारा भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। पिछले दो दिन रविवार और जन्माष्टमी की छुट्टी होने के बावजूद मनपा आयुक्त ने रांदेर, कतारगाम और सेंट्रल जोन के अधिकारियों को बाढ़ वाले क्षेत्रों की लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया। इसके अलावा तापी नदी के पानी को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए भरीमाता, मक्काईपुल, धास्तीपुरा और हनुमान पहाड़ी सहित सभी छह फ्लडगेट बंद कर दिए गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों में गटर का पानी बैक मारने से गटर बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। खासकर वेडरोड, धास्तीपुरा व कादरशाकी नाल व जहांगीरपुरा में वाहन चालकों से लेकर पैदल चलने वालों तक को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें : मनपा आयुक्त
उकाई बांध अधिकारियों के समन्वय से तापी नदी में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा पर भी बारीकी से नजर रखी जा रही है। उधर, सूरत महानगरपालिका के कंट्रोल रूम को भी अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही कमिश्नर शालिनी अग्रवाल ने नीचले क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि संभावित बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए तापी नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में प्रभावित क्षेत्रों को पहले से सूचित किया जाएगा।
हथनूर बांध के 12 गेट खोले गए
महाराष्ट्र के हथनूर बांध के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के मद्देनजर बांध का स्तर बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा आज सुबह बांध के सभी 12 गेट पूरी तरह से खोल दिए गए हैं। फिलहाल हथनूर बांध से तापी नदी में 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और इसका सीधा असर उकाई बांध की सतह पर देखने को मिल रहा है। उकाई बांध के लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण शहरवासियों में भी संभावित बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
सीजन में पहली बार कोजवे का स्तर 10 मीटर पार
सीजन में पहली बार कोजवे का स्तर 10 मीटर से ऊपर पहुंच गया है। पिछले तीन दिनों में उकाई बांध से 2.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कोजवे के स्तर में भारी वृद्धि देखी गई है। वर्तमान में कोजवे 10 मीटर के स्तर पर बह रहा है, नील की समस्या से कुल मिलाकर राहत मिली है जो सूरत महानगर पालिका प्रशासन के लिए चिंता का विषय रही है।