
गोगुन्दा : बारिश की कमी की वजह से किसानों के चेहरे पर मायूसी, मुर्झा रही है फसले
उदयपुर (कांतिलाल मांडोत)। गोगुन्दा, कोटड़ा और ओगणा क्षेत्र में बारिश की कमी की वजह से किसान के चेहरे उतरे हुए है। दरअसल,पहाड़ी क्षेत्र में विशेष रूप से बारिश की सीजन पर निर्भर रहने वाले किसानों के पास आय के दूसरे कोई स्त्रोत नही है। खरीफ की फसल में मक्का और सोयाबीन पर सपने संजोए रहने वाले किसानो को बारिश ने निराश कर दिया है।
इस वक्त गोगुन्दा पर इंद्रदेव मेहरबान नही है। डेढ़ महीने पहले प्री मानसून में मक्का की बुआई करने वाले किसान फसल पर इतराते रहते थे कि आप भी मक्का की बुआई कर दो। हमारी एक नही मानी। हमारे खेत की रौनक देखो। मक्का लहलहाती दिख रही है। लेकिन आज ये बात कहने वाले चुपी साधे हुए है। बारिश के अभाव में फसले मुरझा गई है। किसान हर दिन आकाश की तरफ देख कर निराश होता है। हर दिन निराशा में बदलती उम्मीद को ढांढस बंधाने के लिए गांवो में बुजुर्गों से फसल के लिए पूछा जाता है। बुजुर्गों की सलाह पर किसान को फिर से उम्मीद जगती है।
लिहाजा,हर वर्ष जून में मानसून सक्रिय होता है,लेकिन इस बार मानसून रूठ जाने पर सब किये कराये पर पानी फिर गया है। किसान मक्का और सोयाबीन के बीज बारह महीने तक घर मे संग्रहित कर रखते है। बीज के लिए रखी गई मक्का अच्छी क्वालिटी की होती है। अब तो किसान उम्मीद छोडक़र बीज के खोने का डर है। दस दिन तक बारिश नही होती है तो फसल को भारी नुकसान हो सकता है। कई क्षेत्रों में किसानों ने दुबारा मक्का की बुआई की है। किसानों के लिए भारी समस्या बनती जा रही है। बारिश देश के संचालन में धुरी का कार्य करती है। जहा बारिश की जरूरत है वहाँ बारिश नही हो रही है और जहां आवश्यकता नही है वहा अतिवृष्टि से करोडो का नुकसान हुआ है।
आगामी दिनों में बारिश नही हुई तो फसलो को नुकसान तो होगा ,लेकिन हर चीज में दाम बढ़ जाएंगे। सब्जियां महंगी हो जाएगी। बारिश नही होने पर किसान चिंतित है। चित्तरा वास निवासी खेमाराम गरासिया ने बताया कि इस क्षेत्र में मक्का की फसल मुर्झा रही है। बारिश की आवश्यकता है। वास निवासी नाहरसिंह ने बताया कि हमारे क्षेत्र में फिर से बुआई की है।
नानालाल सुथार का कहना है कि मक्का और सोयाबीन के लिए अभी कम से कम दो बारिश की जरूरत है। क्षेत्र में बारिश के अभाव में व्यापार पर भी असर पड़ा है। बगडुंदा निवासी धर्मेश छाजेड़ का कहना है कि बारिश नही हुई है। जिससे धंधा भी मध्यम चल रहा है। मुर्झाती फसलो के लिए लोग प्रार्थना कर रहे है। गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष में लोग भजन कीर्तन कर भगवान से बारिश की पूर्ति की कामना करेंगे।