गुजरात : पावागढ़ स्थित मंदिर में छिले हुए नारियल ले जाने पर रोक, इस वजह से लिया गया फैसला
20 तारीख से पूरा नारियल वापस माताजी को चढ़ा कर वापस ले जाना होगा
अंबाजी तीर्थस्थल में मोहनथाल चढ़ाने का विवाद मुश्किल से शांत ही हुआ था कि पावागढ़ के श्री कालिक मंदिर ट्रस्ट द्वारा लिए गए निर्णय के कारण एक और तीर्थ को लेकर एक नया विवाद छिड़ गया है। यात्राधाम पावागढ़ में श्री कालिका मंदिर ट्रस्ट द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार 20 तारीख सोमवार से छिले हुए नारियल को कोई भी मंदिर में नहीं ला सकता है।
मंदिर में माता को नारियल चढ़ाकर चुंदड़ी के साथ घर ले जाना होगा। घर पर ले जाने के बाद इस नारियल को चुंदड़ी में बांधकर आप मंदिर में पूजा में रखने का आग्रह किया है या घर पर ले जाने के बाद इसका प्रसाद वितरित कर सकते हैं। जिस व्यापारी के पास से छिले नारियल मिलेंगे उनके खिलाफ पवित्र स्थल को स्वच्छ रखने में सहयोग नही करने और गंदगी करने को लेकर सरकार के संबंधित अधिकारी द्वारा नियमानुसार शिक्षात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा गार्ड शक्ति द्वार यानी दुधिया सरोवर से जांच करेगा और छिलके वाला श्रीफल नहीं लाने देगा। मंदिर ट्रस्ट के मंत्री अशोकभाई पंड्या इस घोषणा के संबंध में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह निर्णय स्वच्छता के तहत लिया गया है। और भक्तों से अपेक्षा करते हैं कि वे उन्हें पर्याप्त सहयोग दें।