गुजरात में आज मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर महात्मा मंदिर में टेक्सटाइल पॉलिसी 2024 का लोकार्पण किया। घोषणा की गई है। इस टेक्सटाइल पॉलिसी में 10 से 35 प्रतिशत तक केपिटल सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। पुरानी पॉलिसी में ब्याज पर सब्सिडी 5 से 6 फीसदी थी, जिससे 5 से 7 फीसदी कर दी गई है। जबकि बिजली सब्सिडी एक रुपए प्रति यूनिट तय की गई है। गुजरात की 5592 औद्योगिक इकाइयों के लिए 1107 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की गई है।
नई पॉलिसी में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक आय मिलने पर फोकस
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि उद्यमिता दिवस मनाया गया है। कपड़ा पॉलिसी शुरू की गई है। गुजरात कपड़ा उत्पादन और व्यापार का केंद्र रहा है। डेनिम कैपिटल के नाम से मशहूर है। टेक्सटाइल पॉलिसी की घोषणा 2012 में की गई थी। जिसमें 35 हजार करोड़ का निवेश हुआ। इस नीति से राज्य में कपड़ा उद्योग को बढ़ावा मिला। कपड़ा उद्योग में गुजरात का देश में 25 प्रतिशत योगदान है। कपड़ा नीति 2024 की आज घोषणा की गई। नई नीति का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक पैसा मिले। 30 हजार करोड़ का निवेश आने की संभावना है। कपास उत्पादक किसानों और युवाओं को रोजगार देंगे। नवसारी में एक मेगा टेक्सटाइल पार्क बन रहा है।
सरकार ने केपिटल सब्सिडी भी दी
टेक्सटाइल पॉलिसी 31-दिसंबर-2023 को समाप्त हो गई। इस पॉलिसी की घोषणा 2019 में पांच साल के लिए की गई थी। जिसमें पूंजीगत अनुदान का कोई प्रावधान नहीं था। ब्याज पर सब्सिडी और बिजली पर सब्सिडी दी गयी। इस बार सरकार ने पहली बार केपिटल सब्सिडी भी दी है, ऐसे में कपड़ा व्यापारियों को ब्याज के अलावा अतिरिक्त सब्सिडी से भी फायदा होने की संभावना है। उदाहरण से समझें तो अगर किसी कपड़ा उद्योगपति ने कपड़ा उद्योग में 100 रुपये का निवेश किया है तो सरकार की ओर से 40 रुपये सब्सिडी के तौर पर दिए जाएंगे। 1 साल में सूरत की 160 कपड़ा इकाइयां नवापुर में स्थापित हुईं, साल 2019 में गुजरात सरकार की ओर से टेक्सटाइल पॉलिसी की घोषणा की गई।
इन्वेस्टमेंट सब्सिडी की घोषणा
केंद्र ने टेक्सटाइल उद्योग में खास करके छोटे और मध्यम कपड़ा उत्पादक कारखानदारों के लिए टफ सब्सिडी स्कीम बंद करने के ढ़ाई साल बाद गुजरात सरकार ने आज घोषित की टेक्सटाइल पॉलिसी में टेक्सटाइल कारखानदारों के लिए फिर से इन्वेस्टमेंट सब्सिडी की घोषणा की है। जिसको लेकर स्थानीय टेक्सटाइल उद्यमियों में खुशी का माहौल है।