जीआईडीसी प्लॉट ट्रांसफर पर लगाए गए जीएसटी पर उच्च न्यायालय की रोक
18 फीसदी जीएसटी लगाने का नोटिस जारी किया गया था
सूरत। जीआईडीसी द्वारा प्लॉट के आवंटन के बाद प्लॉट दूसरों को बेचा जाता है, तो प्लॉट के हस्तांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति जीआईडीसी को करनी होगी। विभाग ने प्लॉट धारकों को इस शुल्क पर जीएसटी जमा करने का नोटिस जारी किया है। उस नोटिस के खिलाफ प्लाट धारक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने स्टे आर्डर दे दिया है।
इस संबंध में सीए अविनाश पोदार ने बताया कि जीआईडीसी के प्लॉट धारकों प्लॉट ट्रांसफर करने के बाद जो भी पैसा जीआईडीसी में जमा किया था। जीएसटी विभाग ने इस पर 18 फीसदी जीएसटी चुकाने का नोटिस जारी किया। इस नोटिस के कारण सूरत समेत दक्षिण गुजरात के अनुमानत: 500 से अधिक प्लॉटधारकों को हजारों रुपये चुकाने पड़ सकते थे। जिस कारण प्लाट धारकों द्वारा हाइकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई थी। इस मामले में हाई कोर्ट ने नोटिस में आगे की कार्रवाई न करने का स्थगन आदेश दिया है। इस मामले की आगे की सुनवाई 7 दिसंबर को रखी गई है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि जीएसटी विभाग ने प्लॉट धारकों को नोटिस जारी कर जीएसटी लागू होने के बाद से जीआईडीसी को हस्तांतरित किए गए सभी प्लॉटों का विवरण मांगा है। इससे जमकर हंगामा हुआ। चैंबर द्वारा यह भी प्रस्तुत किया गया कि दिया गया नोटिस इस आधार पर रद्द कर दिया जाना चाहिए कि यह उचित नहीं है। हालांकि निर्णय में संशोधन नहीं होने पर प्लॉट धारक ने जीएसटी विभाग के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की।