जीवन में शांति, समाधि नहीं है तो हमारा जीवन व्यर्थ : आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी
श्री कांति मणि गिफ्ट मॉल आयोजित किया गया
सूरत। शहर के पाल में श्री कुशल कांति खरतरगच्छ जैन श्री संघ पाल स्थित श्री कुशल कांति खरतरगच्छ भवन में युग दिवाकर खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. ने रविवार 22 सितंबर को प्रवचन में कहा कि जिनवाणी सवा दो माह से भारत भर में हर जगह चातुर्मास में बरस रही है। इस जिनवाणी में श्रद्धालुओं को भीगने का अनुरोध करते हुए कहा कि रूई पूरी भिग जाती है, उसका हर अंश भिग जाता है। उसका वर्ण भी और कलर भी बदल जाता है। पानी की छाप उस पर अंकित हो जाती है। वैसे ही हमारे हदय पर परमात्मा की वाणी की छाप अंकित होनी चाहिए।
समाधि परिणाम है, साधना हमारा व्यवहार है
साधना और समाधि के बीच का अंतर बताते हुए कहा कि समाधि परिणाम है, साधना हमारा व्यवहार है। जीवन में शांति, समाधि नहीं है तो हमारा जीवन व्यर्थ है। परिवार की शांति हमारे जीवन को समाधि देती है। परिवार में तनाव और टकराव पर बोलते हुए आचार्यश्री ने कहा कि फेसबुक पर हजारों मित्र होते है, लेकिन अंतर में ढूंढने से भी नहीं मिलेगा। आपके प्रेम के लेख चारों ओर अखबारों में छप सकते है, लेकिन जिंदगी में परिवार में एकत्व भाव कितना है यह महत्वपूर्ण है।
श्री कांति मणि गिफ्ट मॉल आयोजित किया गया
जीवन प्यार से, सहनशीलता, संयम से चलता है। अपने व्यवहार को उंचाई देना है। जीवन परम शांति, परम समाधि का कारण बने। पानी पिलाना महत्वपूर्ण नहीं है, पानी पिलाते समय के भाव महत्वपूर्ण है। आत्म संतृष्टी स्वयंम को प्रेरणा देती है। रविवार दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक प्रवचन मंडप में श्री कांति मणि गिफ्ट मॉल आयोजित किया गया है।
ये गिफ्ट मॉल एक तरफ बच्चों का और दूसरी तरफ बड़ों का था। पिछले डेढ़ महीने में लगभग 400 लोगों ने अपनी उत्कृष्ट आराधना के बल पर नियम बुकलेट प्रतियोगिता में भाग लिया है।इस आकर्षक मॉल का उदघाटन आचार्यश्री के सानिध्य में हुआ। इसके उदघाटन का लाभ शा भंवरलालजी बंसराजजी रुपचंदजी देसाई परिवार (सिणधरी, सूरत) ने लिया।