सूरत में जैन धर्म अर्थात पूर्ण विज्ञान शिविर रविवार को, वैज्ञानिक पंकज जोशी और जीवराज जैन करेंगे मार्गदर्शन
अठवा लाइन्स लाल बंगला जैन संघ में लब्धिचंद्रसागरसूरिजी की निश्रा में होगा शिविर
‘जैन धर्म का अर्थ है संपूर्ण विज्ञान’ यह शिविर पहली बार रविवार 18 अगस्त 2024 को सुबह 9 बजे सूरत-अठवा लाइंस लाल बंगला में होगा। जिसमें वैज्ञानिक पंकज जोशी और जीवराज जैन मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। अठवा लाइन्स लाल बंगला जैन संघ के ट्रस्टी चंद्रकांतभाई संघवी ने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पूरे विश्व को मानव ऊर्जा, मानव शक्ति, मानव भावना की विशेष पहचान दिलाई जाएगी। जिससे भ्रष्टाचार, अनैतिकता, दुराचार, व्यभिचार, इन सब से मुक्ति मिलेगी और लोग समझेंगे कि आप कौन हैं? स्वयं कौन है?
AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है ? क्या है भारत का भविष्य ?
लब्धिचंद्रसागरसूरिजी ने कहा कि भारतीय खगोल विज्ञान के एक महान वैज्ञानिक – जो शीर्ष दस वैज्ञानिकों में गिने जाते हैं और जिन्होंने आइंस्टीन के सिद्धांत से भी एक कदम आगे खगोल विज्ञान से संबंधित ज्ञान दिया है, और जो नासा संगठन से जुड़े हुए है, वे पंकजभाई जोशी और एक अन्य जैन वैज्ञानिक जो जमशेदपुर में रहते हैं। जिन्होंने यह खोज कर यह उपलब्धि हासिल की है कि ‘जल स्वयं जीव है’, पानी की 1 बूंद में 36450 जीवित जीव होते हैं। ये बात बहुत पुरानी है।
‘पानी में जीव’ और ‘पानी स्वयं जीव’ में बहुत बड़ा अंतर है। जीवराज जैन धर्म समाज का गौरव है। उन्होंने शोध करके यह सिद्ध कर दिया है कि ‘जल स्वयं जीव है।’ ये दोनों महानुभाव इस शिविर में पहुंचेंगे. तथा प्रातः 9 बजे से 12 बजे तक मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। इन दोनों विषयों की समीक्षा मेरे द्वारा की जाएगी।
नारी, अग्नि और जल संसार के प्रबंधन में तीन मुख्य तत्व
संसार के प्रबंधन में तीन मुख्य तत्व हैं। नारी, अग्नि और जल, यह नारी और अग्नि के बिना भी जीवित रह सकता है। उदाहरण के लिए जैन साधु स्त्री और अग्नि को छुए बिना अपना पूरा जीवन मुस्कुराते हुए जीते हैं। लेकिन पानी के बिना दुनिया में कोई भी जीवित नहीं रह सकता। यहां तक कि जैन साधु भी उबले हुए पानी का ही उपयोग करते हैं। और उबले हुए पानी की सबसे छोटी मात्रा का उपयोग करके खुशी से रहते हैं। अगर दुनिया के लोग पानी का ऐसे सात्विक तरीके से व्यवहार करना सीख लें, तो दुनिया की पानी की समस्या खत्म हो जाएगी।