
सूरत जिले के ओलपाड किम में ब्रेन डेड बुर्जुंग की किडनी दान ने दो व्यक्तियों को नया जीवन दिया है और समाज को एक नई दिशा दिखाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ओलपाड तहसील के कीम में सुकुन रो-हाउस में रहने वाले 52 वर्षीय शंकरभाई रूपलाभाई माली को 18 तारीख की रात को खाना खाने के बाद अचानक दर्द के साथ स्ट्रोक का असर महसूस हुआ। इसलिए उनके परिवार वाले उन्हें 19 तारीख की सुबह सायन हॉस्पिटल ले गए। बाद में उसकी हालत गंभीर होने पर उसे बेहोशी की हालत में उपचार के लिए न्यू सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां 21 तारीख को डॉक्टरों की टीम ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
बाद में सिविल के डॉ. नीलेश काछड़िया, नर्सिंग काउंसिल के इकबाल कड़ीवाला, काउंसलर निर्मला काथुड़ ने उनके परिवार को अंगदान का महत्व समझाया। इसलिए अहमदाबाद के आईकेडी ने दोनों किडनी का दान स्वीकार कर लिया और अस्पताल ले जाया गया। जबकि शंकरभाई मूल रूप से महाराष्ट्र के धुलिया के कलमसरे के रहने वाले थे। उनकी पत्नी प्रेमिला, बेटा वीरेंद्र और मुकेश हैं।
सिविल चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गणेश गोवेकर के मार्गदर्शन में डॉक्टरों के प्रयासों से पिछले 10 महीनों के दौरान 41 सफल अंगदान हुए हैं। जिसमें 74 किडनी, 32 लीवर, 3 दिल, 4 आंत, 7 हाथ, 14 आंखें और इस तरह कुल 137 अंग दान किए गए हैं।