मनुष्य जीवन की दुर्दशा का कारण सादगी का अभाव:-डॉ दिव्यप्रभा
मंदसौर,वर्तमान युग मे बढ़ती हुई समस्या ओ का एक बहुत बड़ा कारण जीवन मे सादगी का अभाव है।इच्छाओ आकांक्षाओं पर नियंत्रण नही होने से हम सुख सुविधाओं की और बढ़ते जा रहे है।आज का आदमी ऐन केन प्रकारेण वैभव की अथाह सामग्री जुटा लेने का प्रयास कर रहा है।वर्तमान की पूंजीवादी अर्थव्यवस्था ने मानव मन की मनोवृत्ति को बिगाड़ दिया है।उपरोक्त विचार मंदसोर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ में परमविदुषी डॉ दिव्यप्रभा ने दर्शनार्थियों के समक्ष व्यक्त करते हुए कहा मनुष्य विवेकशून्य होने के कारण उसकी और दौड़ रहा है।जिधर आगे दल दल है।आज वर्तमान की कोरोना महामारी में मनुष्य की स्थिति कैसी हो गई थी।
साध्वी ने कहा मन मे नियंत्रण नही होने के कारण इंद्रियां अलग अलग भाग रही है।जब तक मन मे नियंत्रण नही होगा,आत्मा का कल्याण असंभव है।आत्मा तो स्वयं ज्ञानमय है,क्या अच्छा है और क्या बुरा है वह सब जानती है।उदाहरण देते हुए साध्वी ने कहा कि एक नन्हे बालक को आप कुनैन की कड़वी गोली खिलाइये,वह मुह में रखते ही थूक देगा।उसको जब मीठी गोली देंगे तो वह उसे चूसने लगेगा।उसे कटु और मधुर का ज्ञान है,उसे यह किसने सिखाया?इसी प्रकार आत्मा को भी सीखाने की जरूरत नही होती है।वह तो मानव स्वभावत्वतः ही उपादेय और अनुपादेय का ग्रहण और त्याग करता है।मंदसोर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ,युवा संघ और महिला संघ ने जावरा से दर्शन करने आए श्रावको का भावभरा स्वागत किया गया।