
उत्तरभारतीय समाज की रेल समस्या के निस्तारण हेतु ज्ञापन सौंपा
सूरत। उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति द्वारा सूरत रेलवे स्टेशन के निदेशक को एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया की सूरत समेत दक्षिण गुजरात के विभिन्न जिलों में लाखों की संख्या में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा मध्यप्रदेश के प्रवासी निवास करते हैं जिनके आवागमन के लिए ट्रेन ही एक मात्र साधन हैं। उत्तर भारतीय यात्रियों की संख्या के अनुपात में उत्तरभारत की ओर जाने वाली ट्रेनों की संख्या अपर्याप्त ही नहीं बल्कि ना के बराबर हैं जिसके कारण उत्तरभारतीय यात्रियों को माफी यातनाओं, पीड़ाओं, तथा परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।
विशेषकर दीपावली, छठ तथा गर्मियों की छुट्टियों में बड़े पैमाने पर उत्तर भारतीय समाज के लोग अपने गांव जाते हैं और इस सीजन में वर्तमान समय में जो ट्रेनें चल रही हैं उनपर दुगना तिगुना नहीं बल्कि पांच छह गुना भार बढ़ जाता हैं जिससे कारण ट्रेनों में लंबी प्रतीक्षा सूची लग जाती हैं और कंफर्म सीट मिलना मुश्किल नहीं बल्कि नामुमकिन हो जाता हैं। ऐसे में उत्तर भारतीय समाज के लोगों को ट्रेनों में भेड़ बकरियों से भी बदतर स्थिति में यात्रा करने के लिए विवश होना पड़ता हैं जो बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण विषय हैं। इस भीड़ में दम घुटने के कई यात्रियों की जाने भी जा चुकी हैं कंफर्म टिकट न मिल पाने के कारण उत्तरभारतीय यात्री ठगी का शिकार भी बन जाते हैं उनसे कंफर्म टिकट या सीट दिलाने के नाम पर धांधली, धोखाधड़ी व अवैध धन उगाही भी की जाती हैं।
संघर्ष समिति के वरिष्ट सदस्य शान खान ने बताया कि उत्तर भारतीय समाज पिछले एक दशक के निरंतर विभिन्न माध्यमों से रेल मंत्रालय के समक्ष नई दैनिक ट्रेन शुरू करने की मांग कर रहा हैं जो अभी तक पूरी नहीं की गई हैं अतः मांगो को तत्काल प्रभाव से स्वीकार करने की मांग करते हैं।
इस अवसर पर शान खान, उमाशंकर मिश्रा, अवधेश मौर्या, मोहन कनोजिया, शशि दुबे, रोशन मिश्रा, संतराम प्रजापति, संतोष शुक्ला, गुलाब यादव, शैलेश यादव, डब्बू शुक्ला, सुनील तिवारी, विमल पांडे, अरविंद यादव, सुनाल शेख समेत अन्य अग्रणी उपस्थित रहे थे।
प्रमुख मांगे :-
(१) सूरत से अयोध्या, वाराणसी, सुल्तानपुर, गोंडा, कानपुर, गोरखपुर। सूरत से पटना, भागलपुर, किसनगंज, गया, रांची, गिरिडीह के लिए दैनिक ट्रेनें शुरू की जाए।
(२) इस दीपावली तथा छट की भीड़ को मद्देनजर रखते हुए उक्त स्टेशनों के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाए किंतु इन ट्रेनों में सामान्य किराया वसूल किया जाए।
(३) उत्तर भारत की ओर जाने वाली वर्तमान दैनिक ट्रेनों में क्षमतानुसार अतिरिक्त डिब्बे जोड़े जाए। विशेषकर अवध एक्सप्रेस में सीलीपर डिब्बों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए
(४) उत्तर भारत की ओर जाने वाली ट्रेनों मे खानपान तथा स्वच्छता की सेवा को बेहतर बनाया जाए।
(५) सूरत तथा उधना स्टेशन पर भीड़ को देखते हुए उचित सुरक्षा बल तथा स्टेशन पर अन्य सुविधाओं को दुरुस्त किया जाए।
(६) पूर्व के दिनों में जनरल डिब्बे में बैठने वाले यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार होने तथा उनपर बल प्रयोग करने की घटना सामने आ चुकी हैं अतः इस बार ऐसी कोई घटना न हो उसके लिए सुरक्षा बलो को उचित निर्देश जारी किए जाए।
(७) टिकट दलाली, धांधली, धोखाधड़ी व अवैध उगाही पर अंकुश लगाया जाए।